एरियर्स के साथ भुगतान कराएं, सरकारी कर्मचारी घोषित कर सुविधाएं दें

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने सौंपा ज्ञापन
शहडोल। मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि म.प्र. आंगनबाड़ी कार्यक्ताओं, सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्ताओं की जायज मांगों को पूरा कराया जाए। मागों में कहा गया कि म.प्र. महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुए सभी शासकीय सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाये। म.प्र. सरकार द्वारा घोषत 1500 रूपये एरियर्स के साथ भुगतान किया जाये। राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से समन्वय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय या मानसेवा की जगह नियमित और सीधी भर्ती की जाने की नियमानवली बनाई जाये। जब तक नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन नहीं किया जाता है तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानेदय, अतिरिक्त मानदेय में केन्द्र से निर्धारित महंगाई भत्ते को लागू कर भुगतान किया जाये एवं कम से कम 18000 रुपए 19000 रूपये कार्यकर्ता व सहायिका, को भुगतान किया जाये। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग की ओर से कम से कम 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा कराया जाये एवं सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं मिनी कार्यकर्ताओं को आयुष्मान योजना की पात्रता में शामिल किया जाये। महिला बाल विकास के अतिरिक्त किसी भी अन्य कार्य में डियूटी न लगाई जाये, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यक्ताओं द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्णरूप से कर सके।ं संघ ने मांग की है कि महिला एवं बाल विकास विभाग से प्रत्येक मद में प्राप्त राशि और पोषण, खेल, स्वास्थ्य संबंधित सभी सामग्री उनके केन्द्रों पर समय – सीमा में उपलब्ध कराई जाये और विभागीय ऐप पोषण ट्रेकर और सम्पर्क एप को मर्ज करके एक ही ऐप से कार्य कराया जाये। अन्य विभागों की भांति महिला एवं बालविकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक-एक करके कम से कम 15 दिवस का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाये। 10 वर्ष के अनुभव, शिक्षा और वरिष्ठता के आधार पर पर्यवेक्षक पद पर बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की जाये, म.प्र. के बाहर के आवेदन स्वीकार नहीं किये जाये । मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को पूर्णकेन्द्र बनाया जाये और सहायिका की नियुक्ति के उपरांत ही नये केन्द्रं के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो और मिनी केन्द्रों को स्वीकृत न करते हुये पूर्ण केन्द्र ही संचालित कराये जायें।