रेल यात्रियों को अधिक दामों में बेची जा रही सामग्री

प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान, ठेकेदार कर रहा मनमानी
उमरिया। रेल यात्रियों के लिए रेल सुविधाओं के दृष्टिगत रेल प्रबंधन ने रेलवे स्टेशन पर कैंटीन की व्यवस्था तो की है, परंतु कैंटीन में मिलने वाली सामग्रियों के दाम जमकर बढें़ हुए हैं, जिस वजह से रेल यात्री सुविधाओं से वंचित हैं, इसके अलावा रेल प्रबंधन ने कैंटीन में बच्चों के लिए दूध पाउडर, नैपकिन, दूध बॉटल, महिलाओं के लिए पैड आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की थी, बावजूद इसके कैंटीन संचालक इन सामग्रियों को नहीं रख रहा है, देखना होगा कि रेल प्रशासन इन पर कब तक कार्यवाही करता है।
कैंटीन ठेकेदार के हौसले इतने बुलंद हैं कि फू्रट स्टॉल में फल नहीं मिलेगा, जबकि यह कैंटीन केवल फल के लिए दिया गया था, लेकिन ठेकेदार के मनमर्जी के मुताबिक यहां पर फल नहीं मिलेगा, बल्कि उसकी जगह समोसा, आलू बंडा बिक रहा है, जिसमें भी ठेकेदार के लोगों द्वारा अधिक दाम लिया जा रहा है। पानी बोतल में जो एमआरपी 15 उसे 20 में बेचते हैं, रेलवे द्वारा निर्धारित है, इलेक्ट्रॉनिक कांटा जिसमें फल तौला जाता है, वह भी इस कैंटीन में नहीं मिलेगा।
भारतीय रेलवे ट्रेनों और स्टेशनों पर किसी भी खाने-पीने के सामान के लिए किसी भी तरह की अधिक कीमत वसूलने की अनुमति नहीं दे रहा है, हालांकि यह एक आम बात है। आईआरसीटीसी फूड ओवरचार्जिंग एक्शन रूल्स में स्पष्ट रूप से बताया गया है, इसके बावजूद कैंटीन ठेकेदार द्वारा अपनी मनमर्जी चलाई जा रही है।