विश्वविद्यालय शहडोल में ‘विकसित भारत युवा संसद’ का भव्य आयोजन

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सुधीर यादव (9407070722) 

शहडोल – पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल में विकसित भारत युवा संसद का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त श्रीमती सुरभि गुप्ता मुख्य अतिथि रहीं, जबकि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. रामशंकर ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में छात्रकल्याण अधिष्ठाता प्रो. प्रमोद पाण्डेय, कुलसचिव डॉ. आशीष तिवारी, नेहरू युवा केंद्र के निदेशक डॉ. आर. आर. सिंह, एवं ई.टी.आई. राष्ट्रीय सेवा योजना के श्री राहुल सिंह परिहार उपस्थित रहे।

इस आयोजन का प्रायोजक एवं नोडल संस्था राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय रही, जबकि सह-प्रायोजक नेहरू युवा केंद्र, युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार था।

कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय सेवा योजना की महिला अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. ज्योति सिंह ने स्वागत भाषण दिया। इस युवा संसद में शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिलों के 150 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना था। इस दौरान युवा प्रतिभागियों ने एक देश एक चुनाव पर विचार प्रस्तुत किए, जिससे कार्यक्रम अत्यंत प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक रहा।

विशिष्ट अतिथि राहुल सिंह परिहार ने विशद व्यख्या करते हुए कहा -भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यहाँ चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। लेकिन वर्तमान प्रणाली में बार-बार होने वाले चुनाव न केवल प्रशासनिक बाधाएँ खड़ी करते हैं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी कई समस्याएँ उत्पन्न करते हैं। ऐसे में “एक देश, एक चुनाव” की परिकल्पना भारत को एक सशक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था की ओर ले जा सकती है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आयुक्त सुरभि गुप्ता ने कहा -अगर हम एक सशक्त और विकसित भारत की कल्पना करते हैं, तो हमें बार-बार चुनाव की समस्या को दूर करना होगा। चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ हैं, लेकिन इनका आयोजन ऐसा होना चाहिए जिससे न केवल शासन सुचारू रूप से चले, बल्कि जनता को भी अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े।आइए, हम सब मिलकर इस विषय पर विचार करें और देश के हित में सही निर्णय लें।

कुल गुरु प्रो राम शंकर ने अपने उद्वोधन में कहा -सर्वप्रथम, मैं आप सभी का ध्यान भारत के लोकतांत्रिक प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव—”एक देश, एक चुनाव”—की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। यह विषय न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे संसाधनों, समय और आर्थिक खर्च को भी प्रभावित करता है।”एक देश, एक चुनाव” का तात्पर्य यह है कि लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं, जिससे बार-बार चुनाव कराने की जरूरत न पड़े। यह न केवल शासन में स्थिरता लाएगा, बल्कि विकास कार्यों में भी बाधा को कम करेगा।”एक देश, एक चुनाव” केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक मजबूत लोकतांत्रिक सुधार हो सकता है। यह हमारे देश को राजनीतिक स्थिरता, विकास और आर्थिक कुशलता की ओर ले जा सकता है। आइए, हम सभी मिलकर इस महत्वपूर्ण विषय पर गंभीरता से विचार करें और भारत के लोकतांत्रिक भविष्य को और सशक्त बनाएं।”युवा किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत होते हैं। भारत के विकास में युवाओं की भूमिका केवल शैक्षणिक या व्यावसायिक सफलता तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नीतियों के निर्माण में भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। ‘एक देश, एक चुनाव’ जैसे मुद्दे केवल राजनीतिक बहस का विषय नहीं हैं, बल्कि यह देश के प्रशासनिक और आर्थिक सुधारों से भी जुड़े हैं। यदि हम देश में एक साथ चुनाव कराने की दिशा में ठोस कदम उठाते हैं, तो इससे प्रशासनिक बोझ कम होगा और देश की विकास योजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में -प्रो. आर. सी. त्रिपाठी – सामाजिक कार्यकर्ता,राहुल सिंह परिहार – युवा नेता,डॉ. चेतना सिंह – राजनीति विज्ञान विशेषज्ञ,डॉ. पूर्णिमा शर्मा – राजनीति विज्ञान विशेषज्ञ,प्रो गीता सराफ राजनीति विज्ञान विशेषज्ञ,विकास पांडेय – डीएसपी (पुलिस अधिकारी)प्रशासनिक अधिकारी,प्रो. अनिल उपाध्याय – नीति निर्माता,डॉ. दिलीप तिवारी – प्रिंट मीडिया विशेषज्ञ,श्रीमती प्रीति सहाय – प्रधानाचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चुनिया, शहडोल,श्रीमती अरुणिमा सिंह – व्याख्याता, शासकीय एम.एल.बी. बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शहडोल थे।

 

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो आशीष तिवारी ने कहा -“एक देश, एक चुनाव” केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी सुधार हो सकता है, जो भारत को राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक कुशलता और विकास की दिशा में आगे बढ़ा सकता है। यदि इस परिकल्पना को सुव्यवस्थित तरीके से लागू किया जाए, तो यह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को और अधिक प्रभावी बना सकता है। और सभी अतिथियों का हृदय से आभार ज्ञापित किया।

कार्यक्रम आयोजन समिति में डॉ. आशीष तिवारी – कुलसचिव एवं संरक्षक,श्री राममिलन सिंह – वित्त नियंत्रक,डॉ. ज्योति सिंह – नोडल अधिकारी,डॉ. आर.आर. सिंह – सदस्य सचिव,डॉ. अनिल उपाध्याय – सदस्य,डॉ. हेमन्त पाठक – सदस्य,डॉ. दिलीप तिवारी – सदस्य,डॉ. रेम सिंह हटीला – सदस्य,डॉ. राजकुमार महोबिया – सदस्य,डॉ. सतेन्द्र सिंह चौहान – सदस्य थे इन्होने सफल आयोजन हेतु अपनी सहभागिता दी।

कार्यक्रम का सफल सञ्चालन राष्ट्रीय सेवा योजना वरिष्ठ स्वयसेवक श्रुति तिवारी ने किया कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष ,विभागाध्यक्ष ,प्राध्यापक ,सह-प्राध्यापक ,सहायक प्राध्यापक ,विश्वविद्यालय के कर्मचारी ,सैकड़ो की संख्या में छात्र -छात्राएं ,अभिवावक और गणमान्य नागरिक की उपस्थिति थी।

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