हे डॉक्टर साहब, अस्पताल नहीं समझे Tinder?

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(अनिल तिवारी)शहडोल। जिला अस्पताल के एक “सर्जन साहब” इलाज से ज़्यादा इमोजी और इनबॉक्स में व्यस्त नज़र आ रहे हैं। व्हाट्सएप पर महिला स्टाफ से “अश्लील ऑपरेशन” करने की आदत पर अब जांच बैठी थी, लेकिन खबर है कि जांच टीम भी इलाज़ में समर्पित हो गई है! मज़े की बात ये कि डॉक्टर साहब के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार की सर्जरी दर्ज है, जिसकी फाइल अभी कमिश्नरी में आईसीयू में है। शिकायतें आती हैं, जाती हैं — साहब का स्टेथोस्कोप ज्यों का त्यों बजता है। अब अस्पताल में चरित्र प्रमाणपत्र भी ज़रूरी कर देना चाहिए शायद!

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