इलाज करना है तो पहले अंग्रेजी सीखिए : रेलवे अस्पताल के डॉक्टर का फरमान, धरने पर बैठ जाए कर्मचारी और यूनियन के नेता

(अनिल तिवारी)
शहडोल । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के शहडोल संभागीय मुख्यालय पर स्थित इकलौते अस्पताल की हालात बद से बदतर हो चुकी है, यहां यदि किसी को इलाज करना है तो उसे या तो तेलुगु और आंध्र की भाषा सीखनी पड़ेगी या फिर उसे अंग्रेजी आनी चाहिए, जिस डॉक्टर को यहां पर पदस्थ किया गया है, उसे इन भाषाओं के अलावा किसी और भाषा का ना तो ज्ञान है और नहीं वह सीखना और उपयोग करना चाहते हैं ।
आज यह मामला तब प्रकाश में आया जब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के दर्जनों कर्मचारी और यूनियन के पदाधिकारी हड़ताल पर बैठ गए और उन्होंने इस संदर्भ में चिकित्सक के स्थानांतरण करने की मांग उठाई।
13 सूत्रीय मांगों में उन्होंने अन्य समस्याओं का भी उल्लेख किया तथा तत्काल प्रभाव से चिकित्सक टी राजेश को यहां से हटाने और उसके खिलाफ कार्यवाही करने की भी मांग की गई, बताया गया कि टी राजेश को अंग्रेजी भाषा से बहुत प्रेम है और शायद वह हिंदी भाषा से नफरत करते हैं या फिर सीखना और बोलना ही नहीं चाहते, यहां इलाज कराने आ रहे रेलवे के कर्मचारियों से वह इंग्लिश और दक्षिण भारत की भाषाओं में ही बात करते हैं, जिस कारण चिकित्सक के द्वारा बताई जाने वाली बातें हैं और बीमारी के संदर्भ में दी जाने वाली सलाह किसी काम की नहीं रहती, खुद डॉक्टर टी राजेश यहां आने वाले मरीज, रेलवे के कर्मचारियों और उनके परिजनों से इंग्लिश में अपनी समस्याएं बताने के लिए कहते हैं, गौरतलब कि रेलवे में कार्य कर्मचारियों और उनके परिजन हिंदी भाषा आसानी से न तो बोल सकते हैं और लगभग परिजनों और कर्मचारियों को इंग्लिश भाषा का इतना अच्छा ज्ञान नहीं है कि वह अपनी समस्याएं बीमारी और दुख तकलीफ इंग्लिश में चिकित्सक को बताएं या फिर अपने साथ एक ट्रांसलेटर लेकर आए हैं और भाषा परिवर्तित कर उन्हें अपनी समस्या बताएं ।
इस मामले की शिकायतें पहले भी वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन इस संदर्भ में कोई भी पहल न होने पर मजबूरन कर्मचारियों और यूनियन को आगे आकर यह कदम उठाना पड़ा, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के स्थानीय कर्मचारियों ने इस संदर्भ में 13 सूत्र ज्ञापन भी वरिष्ठ अधिकारियों को सौपा है और उसमें तत्काल कार्यवाही की मांग की है, उन्होंने कहा है कि इस तरह के चिकित्सक की या नियुक्ति हो या ना हो उसका कोई लाभ रेलवे के कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और 13 सूत्री मांगों का निराकरण किया जाए।
यह लिखा ज्ञापन में
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ शाखा शहडोल के संज्ञान में कर्मचारियों की निम्न समस्याएं लाई।
उपमंडलीय चिकित्सालय शहडोल में रेल कर्मचारी की तबीयत खराब होने पर भी RMC में नहीं रखा जाता है रनिंग कर्मचारियों को कई बार बोर्ड शॉर्ट का हवाला देकर RMC में रखने से मना किया जाता है, जो की पूर्णता अमानवीय है।
कर्मचारियों को सरदर्द या पेट में दर्द होने की समस्या के लिए चिकित्सक महोदय के पास जाने पर बिलासपुर रेफर करके दबाव बनाया जाता है।
चिकित्सक महोदय से अपनी समस्या बताने और इंगलिश न समझ पाने के कारण बार-बार RPF से अरेस्ट कराने की धमकी दी जाती है।
कर्मचारी जब चिकित्सालय बंद होने के बाद तबियत खराब होने पर रेलवे हॉस्पिटल में आकर ऑन ड्यूटी सिस्टर को दिखाता है और दवाई ले जाता है और सुबह चिकित्सक के पास जाकर मिलता है उसके बाद भी उसे पिछली डेट की RMC नहीं दी जाती है और नियम विरुद्ध तरीके से उसे प्रताड़ित किया जाता है।
कर्मचारी द्वारा रात में तबीयत खराब होने पर और अपने ऑफिस में सूचित करने के बाद जब सुबह चिकित्सक महोदय के पास आता है तो उसे BMC में रखने से मना कर दिया जाता है और या तो कर्मचारी प्राइवेट डॉक्टर के पास जाए या फिर अस्पताल और अपने कार्यालय के चक्कर लगाता रह कारण अपनी समस्या नही बता पा रहे हैं और ओ कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं उन्हे भी अपनी सभी कर्मचारी सहायक मंडल चिकित्सा अधिकारी श्री टी राजेश के हिंदी भाषा का समझ ना होने के समस्या चिकित्सक सहोदय को बताना अत्यत मुश्किल कार्य है, जो अन्य चिकित्सक महोदय न
में पदस्थ है उनकी अनुपलब्धता बनी रहती है उपमंडलीय चिकित्सालय में दवाइयों की कमी हमेशा बनी रहती है।
टी राजेश का स्थानांतरण शीघ्र से शीघ्र अन्यत्र किया जा कर एक मिलनसार व स्थानीय भाषा के जानकार चिकित्सक की पदस्थापना रेलवे चिकित्सालय शहडोल में की जाए।
मान्यवर ट्रेनों का परिचालन जिस प्रकार से बढ़ रहा है उस प्रकार से कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है जिस वजह से अनावश्यक मानसिक दबाव में कर्मचारी कार्य कर रहे हैं अतः आपसे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ कर्मचारियों के रिक्त पदों पर जल्द भर्ती की मांग करता है।
मान्यवर लोको पायलट व सहायक लोको पायलट को बिना यार्ड LR के ही उन्हें डायग्राम बनाने पर मजबूर किया जा रहा है जो न्याय उचित नहीं है कृपया कर उन्हें प्रॉपर LR दिलवा कर उनसे डायग्राम रेडी करवाया जाए।
मान्यवर कमर्शियल विभाग के कर्मचारियों के हर 3 साल में होने वाले ट्रांसफर पर रोक लगाई जाए।
मान्यवर कैरिज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों के रुके हुए ओवरटाइम (OT) का भुगतान तुरंत करवाया जाए।
शहडोल हेडक्वार्टर में पूर्व की भांति ट्रेन चेंजिंग स्टाफ कमर्शियल की सभी गाड़ियां दी जाए।
मंडल में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों का स्पाउस ग्राउंड व स्वअनुरोध पर स्थानांतरण में लगी अघोषित रोक को शीघ्र हटाया जाए वह उन्हें तुरंत छोड़ जाए।
जिन लॉबियों में सिर्फ ज्यादातर साइडिंग कार्य पद्धति होने के कारण सहायक लोको पायलटो का लोको पायलट में 60000 किलोमीटर माइलेज कंप्लीट नहीं हो पता है जिस वजह से उनका प्रमोशन समय पर नहीं हो पा रहा है जिस पर कार्यवाही किया जाना चाहिए।
मान्यवर मंडल में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए रेलवे बोर्ड के दिशा निर्देशानुसार कई कार्यालयों में वॉशरूम व बैठक रूम ना होने के कारण महिला कर्मचारियों को अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसका निराकरण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।
मंडल में कार्यरत कर्मचारियों के लिए विभिन्न विभागीय परीक्षाएं जैसे जी डी सी व एल डी सी सही समय पर आयोजित ना होने के कारण कर्मचारी अपने प्रमोशन के अधिकारों से वंचित हो रहे हैं जिस पर शीघ्र कार्य किया जाना चाहिए। ट्रैक मेंटेनर साथियों की पेट्रोलिंग बिट 12 किलोमीटर की जाय वा उन्हें साइकिल भुगतान किया जाय।