दुराचारियों को शेष प्राकृत जीवन के लिए कारावास की सजा

शहडोल। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संदीप कुमार सोनी के द्वारा थाना जयसिंहनगर के अपराध में आरोपी शुभम यादव को दोषी पाते हुए धारा 376(डी)(ए) भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृत जीवन के लिए आजीवन कारावास एवं 500-500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(2)(अ) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास, 500 रू अर्थदण्ड तथा धारा 363 भादवि में सात वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। सहआरोपी शिवकुमार रैदास एवं बुद्धसेन अहिरवार को धारा 376(डी)(ए) भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृत जीवन के लिए आजीवन कारावास एवं 500-500 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 363 भादवि में सात वर्ष का कठोर कारावास एवं 500-500 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में विश्वजीत पटेल डीपीओ एवं श्रीमती सुषमा सिंह ठाकुर एडीपीओ शहडोल द्वारा पैरवी की गई।
यह था मामला
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि फरियादिया द्वारा थाना जयसिंहनगर में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि दिनांक 22 मई 2020 को दोपहर 02 बजे आरोपी शुभम यादव ने मुझे फोन करके घर से बाहर बरा के पेड के पास मिलने के लिये बुलाया, मैं अकेले बरा के पेड़ के पास गई तो वहा पर पहले से आरोपीगण बुद्धसेन अहिरवार और शिवकुमार रैदास, शुभम यादव के साथ खडे थे और तीनो ने मुझे जबरदस्ती उठाकर चकरदहा जंगल ले गये। फिर जंगल में आरोपीगण ने एक-एक कर मेरे साथ गलत काम (बलात्कार) किया और फिर आरोपीगण ने मुझे वही पास में बने छोटे इंदारा में धकेल दिया और तीनों मुझसे बोले कि यह बात किसी को बताई तो तुझे जान से खत्म कर देगे। यह कहकर वहां से चले गये, फिर मैंने अपने मोबाईल से बड़ी बहन को फोन कर घटना की सारी बात बतायी, तब मेरी बहन पिता जी को लेकर आई और मुझे इंदारा से बाहर निकाले। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना उपरांत प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोेजन द्वारा प्रस्तुत किए गए सशक्त तर्कों से सहमत होकर एवं प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विचारण उपरांत आरोपीगण को उपरोक्तानुसार दण्ड से दंडित किया गया।