कटनी जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में नर्सिंग स्टॉफ पर परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप , जिंदा नवजात को मृत बताया
कटनी जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में नर्सिंग स्टॉफ पर परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप , जिंदा नवजात को मृत बताया
कटनी.॥ जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में नर्सिंग स्टॉफ पर परिजनों द्वारा लापरवाही किए जाने का आरोप लगाया गया है। 27 दिन के नवजात को मृत बताकर उसे परिजनों को लौटा दिया गया था। लेकिन आशंका हुई तो उन्होंने ओपीडी में जाकर डॉक्टर से जांच कराई। इस दौरान बच्चे की सांस चल रही थी। फिर परिजन निजी अस्पताल लेकर चले गए।
जानकारी के अनुसार सोनू पति विष्णु चौधरी (21) निवासी ग्राम हर्रैया थाना विजयराघवगढ़ को जिला अस्पताल में प्रसव हुआ था। बच्चे के स्वस्थ होने पर उसे छुट्टी दे दी गई थी और जच्चा-बच्चा दोनों घर चले गए थे। गुरुवार को 27 दिन बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। दोपहर में उसे जिला अस्पताल लाया गया और एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। विष्णु चौधरी ने कहा कि शुक्रवार को एसएनसीयू के नर्सिंग स्टॉफ ने कह दिया कि अब बच्चे की सांस नहीं चल रही है, जिंदा नहीं है, इसे घर ले जाइए। बच्चे की मौत होने की खबर सुन मां सहित परिजन रोने लगे। इसके बाद बच्चे को अस्पताल के बाहर ले आए। कुछ समय बाद परिजनों को आभास हुआ कि बच्चे के शरीर में हलचल हो रही है। तो जिला अस्पताल की ओपीडी में बैठे डॉक्टर से जांच कराई तो धड़कनें चल रही थी। परिजन जिला अस्पताल में डर के कारण उपचार न कराते हुए बच्चे को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। डन कॉलोनी स्थित एक निजी चिकित्सक को दिखाया, हालांकि वहां पर भी बच्चे की हालत बेहद नाजुक होने पर व गहन चिकित्सा इकाई कक्ष न होने के कारण इलाज नहीं किया गया। इस संबंद्ध में डॉ. यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सोनू चौधरी को विकृत बच्चा हुआ है और उसे निमोनिया की भी शिकायत थी। चिकित्सक ने देखा तो सांसें नहीं चल रहीं थीं, हृदय की गति चल रही थी। चिकित्सक के बताने पर परिजन बिना बताए जिला अस्पताल से बच्चा लेकर चले गए हैं। जिला अस्पताल से मृत घोषित नहीं किया गया। कई बार स्थिति हमारे काबू के बाहर रहती है और जब यह बात परिजनों को बताई जाती है तो उनकी प्रतिक्रिया इसी प्रकार की सामने आती है।