मोटर वाहनों द्वारा पर्यावरण में हानिकारक सामग्री का परिचय: संजीव

इलेक्ट्रानिक तथा सीएनजी वाहनों का करें अधिक प्रयोग
शहडोल। शहरी परिवेशीय वायु गुणवत्ता में विद्यमान प्रदूषक में 52 प्रतिशत भूमिका वाहन प्रदूषण की होती है,
जिसके लिये क्षेत्रीय कार्यालय शहडोल द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि शहर में बैट्री और इलेक्ट्रानिक तथा सीएनजी
चलित वाहनों का प्रयोग अधिक से अधिक किया जाये। नगरीय क्षेत्र के सडक़ों में परिवहन करने के लिए इलेक्ट्रिक
वाहन का उपयोग किया जाये, जिससे कि शहर के परिवेश में उपस्थित हानिकारक गैसों की सांद्रता कम हो। क्षेत्रीय
कार्यालय द्वारा चार पहिया वाहनों के डीलर्स को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपनी कम्पनी द्वारा
निर्मित इलेक्ट्रानिक्स वाहनों का शहर में पर्यावरण के हित के दृष्टिकोण से अधिक से अधिक विक्रय करने का प्रयास
करें।
शहडोल शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है, इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पहल से दूरगामी एवं
क्रांतिकारी परिणाम देखने को मिलेंगे। शहडोल शहर की परिवेशीय वायु गुणवत्ता में उत्तिरोत्तिर सुधार के लिए जिले में
पहली बार महिन्द्रा द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मार्गदर्शन में संभाग एवं जिले में प्रथम बार इलेक्ट्रानिक्स् वाहन
लांच किऐ गऐ हैं। 26 अप्रैल को बुढ़ार रोड स्थित महेन्द्रा के शोरूम में सम्पन्न हुई एवं नगरवासियों के द्वारा शहर के
पर्यावरण के हित में इन वाहनों के क्रय में काफी रूचि दिखाई गई है। प्रथम बार में ही कई इलेक्ट्रानिक्स वाहनों की
बुकिंग हुई है। इलेक्ट्रॉनिक लोडिंग व्हीकल लांच किया गया है।
क्षेत्रीय कार्यालय के कनिष्ठ वैज्ञानिक बी.एम. पटेल द्वारा आमजनों को बताया गया किए वायु प्रदूषण रसायनों,
सूक्ष्म पदार्थ या जैविक पदार्थ के वातावरण में मानव की भूमिका है। जो मानव को या अन्य जीव-जंतुओं को या
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं। जीवन की तीन अनिवार्य
आवश्यकताए हैं, वायु, जल और भोजन। इनके बिना मनुष्य जीवन संभव नहीं हैं। इन तीनों में वायु सबसे अनिवार्य
है, क्योंकि इसके बिना मानव का दो मिनट भी जीवित रहना मुश्किल होगा। इस तरह हम समझ सकते हैं कि स्वच्छ
वायु हमारे लिए कितना जरूरी है। वायु गैसों का मिश्रण है, इस मिश्रण का लगभग 78: प्रतिशत भाग नाइट्रोजन और
21: भाग ऑक्सीजन है। कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, आर्गन, जल वाष्प की भी वायु में अल्प मात्रा में मौजूद रहती
है।
वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, खाँसी, अस्थमा और
श्वसन व हृदय संबंधी बीमारियों का होना शामिल हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण खराब हुई वायु गुणवत्ता के
मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन मुख्य रूप से शरीर की श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली पर
इसका अधिक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारियों को न केवल
समझना होगा, बल्कि निभाने की भी जरूरत है।
वाहनों का प्रदूषण मोटर वाहनों द्वारा पर्यावरण में हानिकारक सामग्री का परिचय है। प्रदूषकों के रूप में जानी जाने
वाली इन सामग्रियों का मानव स्वास्थ्य और परिस्थिति की तंत्र पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं। आज दुनिया भर के
कई देशों में सडक़ों पर उपलब्ध वाहनों की अधिक संख्या के कारण परिवहन वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है। आज
कल बढ़ते वाहन ही इसका मुख्य कारण है। बढ़ती जनसंख्या और उनकी बढ़ती आवश्यकताओं ने समस्या और भी
विकट कर दी है। धीरे-धीरे लोगों का जीवनस्तर भी सुधरा है। जिस कारण हर कोई अच्छी जीवनशैली अपनाना
चाहता है। भौतिक सुख-सुविधाएं ही आजकल की उच्च जीवनशैली की सूचक है। इस क्रम में सबसे पहले घर के बाद
गाड़ी का ही स्थान आता है। अब तो छोटे-छोटे शहरों में दो पहिए और चार पहिए वाहनों का ही वर्चस्व है। इन वाहनों से
अत्यधिक जहरीली गैसें जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड निकलती हैं, जो
पर्यावरण को नकारात्मक रुप से प्रभावित कर रहें हैं। आज की कारों और ट्रकों में आंतरिक दहन इंजन का प्रयोग होता
है, जिसमें गैसोलीन या अन्य जीवाश्म ईंधन को जलाते हैं।
क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार मेहरा द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया किए इलेक्ट्रिक व्हीकल में सबसे बड़ा लाभ
यह है ये प्रदूषण को कम करता है। आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या से जूझ रहा है। धीरे-धीरे प्रदूषण की
मात्रा इतनी बढ़ रही है कि आने वाले समय में मानव का जीवन मुश्किल हो जायेगा। प्रदूषण कम करने में इलेक्ट्रिक
व्हीकल बहुत बड़ा रोल निभाती हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे प्रदूषण में कमी देखने
को मिलेगी। दरअसल पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाडिय़ां वातावरण में हानिकारक और जहरीले गैस का उत्सर्जन
करती हैं। इससे वायु की गुणवत्ता खराब होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इसलिए यदि आप चाहते हैं
कि आपका शहर प्रदूषण मुक्त रहे और आपकी सेहत दुरुस्त रहे, तो इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल करना शुरू कर
दीजिए। वैसे इलेक्ट्कि व्हीकल के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आएगी, क्योंकि
इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाडिय़ां पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाडिय़ों के मुकाबले ज्यादा शांत होती हैं।
इस कार्यक्रम में ट्रांसपोर्ट एवं फायनेंस कम्पनी के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से बी.एम. पटेल कनिष्ठ
वैज्ञानिक ने भी अपने विचारों से उपस्थित जन समुदाय को अवगत कराया गया है। इलेक्ट्रांनिक वाहनों कंपनी की
ओर से सीईओ मनीष तिवारी, जीएम सेल्स हरि शंकर, जीएम सर्विस रोहित सिंह, मैनेजर सिनोज पिल्ले एवं
अरविन्द , विमल तथा सेल्स प्रतिनिधि शिवशक्ति, ऋषभ एवं अजीम महिन्द्रा फाइनेंस एरिया मैनेजर अमन
उपस्थित रहे।