ठण्डे बस्ते में महरोई पंचायत की जांच

पाली जनपद की पंचायतों में खूली लूट, सरपंच-सचिव छान रहे मलाई
उमरिया। जिले की पाली जनपद अंतर्गत पंचायतों में स्वीकृत निर्माण कार्याे में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है, निर्माण कार्याे में जनपद पदाधिकारियों से लेकर सरपंच, सचिव व इंजीनियर मलाई छान रहे हैं, इंजीनियर गजेन्द्र सिंह राठौर ने वेण्डर राजेश श्रीवास्तव से सांठ-गांठ कर तलाब के निर्माण कार्य में चेक उसके वेण्डर की खाते में डालकर राशि डकार ली है। जिससे पंचायतों में भारी असंतोष है, इसी तरह संभागीय मुख्यालय से लगी पंचायतों में भ्रष्टाचार की कहानी विराम ही नहीं ले रही है।
मुरूम की जगह ईंटा-भट्टे का राखड़
संभागीय मुख्यालय मुडना नदी के उस पार ग्राम पंचायत सलैया में ग्रेवल रोड में खूब लीपा-पोती की गई है। ईंटा भ_ों का राखड़ मुरूम के रूप में उपयोग किया गया है, इसी तरह साफ-सफाई में भी फर्जी मस्टर रोल भरकर राशि डकार ली गई है। अभी हाल ही में फिर काम स्वीकृत हुए हैं, उसमें भी लीपापोती की तैयारी हो रही है। ग्राम पंचायत महरोई में सामुदायिक भवन में पिछले 6 साल से ताला अटका हुआ है, इसमें पूर्व सरपंच का कब्जा बना हुआ है, जिसको खुलवाने की जनपद अधिकारी व पदाधिकारी हिम्मत नहीं है। यहां अपनी राजनीति पहुंच और कमीशन बाजी के चलते गिनी-चुनी पंचायत को ही काम जारी हो रहे हैं।
मलाई छान रहे सरपंच-सचिव
अधिकांश पंचायतें का विकास ठप्प पड़ा हुआ है। कुछ सरपंच सचिव मलाई छान रहे है, तो कुछ पंच-सरपंच के घर में बैठने के लिए कुर्सी भी नहीं है। उपयंत्री व सहायक यंत्री अकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। कुछ पंचायतों की जांच में भी हीलाहवाली की जा रही है, महरोई पंचायत की जांच उपयंत्री और समन्वयक को बीते माह में मिली थी, जिसके बाद 28 जून को जांच कर प्रतिवेदन जनपद कार्यालय में सौंपना था, लेकिन 8 दिन बीतने के बाद भी आज तक उक्त जांच ठण्डे बस्ते में है। अगर महरोई पंचायत में हुए निर्माण कार्याे की उच्च स्तरीय जांच कराई जाये तो, बड़े से लेकर छोटे कर्मचारी लपेट में आयेंगे।
ऑफ रिकार्ड चला रहे फर्म
जनपद पंचायत पाली अंतर्गत जिन पंचायतों के निर्माण कार्य की देख-रेख की जिम्मेदारी उपयंत्री गजेन्द्र राठौर के पास है, सूत्रों की माने तो उन-उन पंचायतों में राजेश श्रीवास्तव नामक फर्म के बिल देखे जा सकते है, चर्चा है कि ऑफ रिकार्ड पंचायतों से कमीशन के नाम पर कथित फर्म के बिल लगाये जाते हैं, अगर उक्त फर्मों के बिलों की जांच आयकर विभाग एवं वाणिज्य कर विभाग करे तो, खरीदी-बिक्री के हुए खेल से पर्दा उठ सकता है। मजे की बात तो यह है जिन-जिन पंचायतों का प्रभार कथित उपयंत्री के पास है, उन पंचायत के हुए निर्माण कार्याे की जांच की जाये तो, कथित उपयंत्री की कार्यशैली कटघरे में नजर आयेगी।
दूसरे जिले में निवास
उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर बिरसिंहपुर पाली जनपद की ग्राम पंचातयों के निर्माण कार्य सहित अन्य कार्याे को देखने के लिए अपने जनपद या अन्य किसी ग्राम पंचायत में न रहकर संभागीय मुख्यालय में निवास करते हैं, जानकारों की माने तो उन्हें अपने जनपद क्षेत्र में निवास करना चाहिए, सूत्रों की माने तो इन्हें एसडीओ सहित सीईओ का खुला संरक्षण मिला हुआ है, जिससे उनके क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य सहित उनके निवास को लेकर अधिकारियों ने कभी कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई।
इनका कहना है…
मैं अभी मीटिंग में हूं, थोड़ी देर बाद ही बात हो पायेगी।
दीक्षा जैन
सीईओ, जनपद पंचायत पाली