अनीस के ठीहे से जबलपुर पहुंच रहा कबाड़, कार्यवाही की दरकार
शहडोल। शहर के थानों के आस-पास खुलेआम कबाडिय़ों का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। थाना प्रभारी से लेकर पुलिस स्टाफ रोजाना कबाड़ दुकान संचालकों के पास उठ बैठ रहे हैं। दुकानों में सरकारी लोहे पर नजर भी पड़ रही है, लेकिन कबाडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। यही वजह है कि अब चोर बिजली के टावर, रेलवे ट्रैक से लोहा उखाडक़र कबाड़ दुकानों में आसानी से खपा रहे हैं। जगह-जगह बिजली का टावर होने से चोर और कबाडिय़ों का धंधा बढ़ गया है। संभागीय मुख्यालय में एक बार फिर अनीस का ठीहा अपने शबाब पर है, यहां से कबाड़ जबलपुर जा रहा है, पुलिस का अभी तक अनीस के ठीहे पर छापा न पडऩे से यह स्पष्ट होता है कि वह एक ईमानदार कबाड़ी है, भले ही अन्य थानो में मामले चल रहे हो, लेकिन जिला मुख्यालय की वर्दी ने संभवत: उसे ईमानदार होने का सर्टिफिकेट पकड़ा दिया है।
बेधडक़ चालू कारोबार
कबाड़ की अवैध दुकानों को बंद करवाने के लिए पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। पुलिस संरक्षण से ही कबाड़ दुकानें संचालित हो रही हैं। इस व्यसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं है। संभागीय मुख्यालय स्थित सिंहपुर रोड पर अनीस का ठीहा एक बार फिर से गुलजार हो उठा है। संचालक बेधडक़ चोरी का कबाड़ खरीद रहा है, बीते माहों में कथित कबाड़ी बुढ़ार थाना से फरार था, लेकिन संभागीय मुख्यालय में खुलेआम घूम रहा था, भारी मन से पुलिस ने कथित कबाड़ी पर कार्यवाही कर अपनी पीठ-थपथपा ली, मजे की बात तो यह है कि प्रेसनोट जारी करवाया गया कि घेराबंदी करके पकड़ा गया है, अगर पुलिस विभाग द्वारा संभागीय मुख्यालय में लगाये कैमरों को रतौंधी नहीं हुआ है तो, इन कैमरों को एक बार रिवाइंड कर देखा जाये कि कथित आरोपी कैसे बेधडक़ संभागीय मुख्यालय में घूम रहा था।
चोरी की घटनाएं भी बढ़ी
सिंहपुर रोड स्थित अनीस का ठीहा एक बार फिर अपने शबाब पर है, प्रत्येक सप्ताह टनों लोहे का कबाड़ पार हो रहा है, इतनी मात्रा में लोहा कहां से आ रहा है। इसके बारे में किसी को पता नहीं है। दूसरी ओर जैसे-जैसे कबाड़ अनीस के काम ने जोर पकड़ा, चोरी की घटनाएं एक बार फिर से शुरू हो गई, चोर नए-नए क्षेत्र में चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। चोरी की घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार प्रयासरत है। लेकिन, कबाड़ दुकानों को बंद करवाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। पुलिस के संरक्षण में कबाड़ी खुलेआम कारोबार कर रहा है। पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करती है।
स्टाक रजिस्टर से चल रहा धंधा
कबाड़ दुकानों में ज्यादातर चोरी का माल खपाया जाता है। पुलिस कई बार कबाड़ दुकानों से चोरी की सामग्री जब्त कर चुकी है। इसके बावजूद कबाड़ दुकान खोलने के लिए कोई कड़ा नियम कानून नहीं बनाया गया है। सिर्फ एक स्टाक रजिस्टर बनाकर दुकान संचालित किया जाता है। स्टाक रजिस्टर में खरीदी-बिक्री किए गए सामान को दर्ज कर कारोबार करते हैं।