आंसुओं के सैलाब में डूबा कैमोर, अपने नेता को जनता ने दिया कंधा अश्रुपूरित विदाई नेता नीलू रजक को कंधा देकर दी अंतिम श्रद्धांजलि

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आंसुओं के सैलाब में डूबा कैमोर, अपने नेता को जनता ने दिया कंधा अश्रुपूरित विदाई नेता नीलू रजक को कंधा देकर दी अंतिम श्रद्धांजलि
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के मंडल अध्यक्ष नीलेश ऊर्फ नीलू रजक की अंतिम यात्रा बुधवार को कैमोर की धरती को भावनाओं के सैलाब में डुबो गई। पूरा नगर “नीलू रजक अमर रहें” के नारों से गूंज उठा। भाजपा के ध्वज में लिपटे अपने प्रिय नेता की अर्थी को जब विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने कंधा दिया, तो माहौल और भी भावुक हो उठा।जिलाध्यक्ष दीपक टंडन ने पार्थिव शरीर पर भाजपा का झंडा अर्पित किया और कहा नीलू जैसे कार्यकर्ता पार्टी की आत्मा होते हैं। अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब इतना विशाल था कि सड़कें छोटी पड़ गईं। महिलाओं की आंखों में आंसू, युवाओं के हाथों में झंडे और बुजुर्गों की जुबान पर एक ही नाम नीलू रजक


कटनी/कैमोर।। कैमोर गोलीकांड में मारे गए भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के मंडल अध्यक्ष नीलू रजक को बुधवार को उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं और नगरवासियों ने गमगीन माहौल में अंतिम विदाई दी। कैमोर की गलियों से लेकर पनिहाई मुक्तिधाम तक नीलू रजक अमर रहें के नारों से वातावरण गूंज उठा। भाजपा के झंडे में लिपटे नीलू रजक के पार्थिव शरीर को विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने कंधा दिया, वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक टंडन ने उनकी देह पर भाजपा का ध्वज अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उनके 11 वर्षीय पुत्र ने पिता की अर्थी के आगे चलकर सभी की आंखें नम कर दीं। पूरे कैमोर क्षेत्र में सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त के बीच अंतिम यात्रा निकली, जिसमें जिलेभर से भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, आमजन और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। हर आंख नम थी, हर दिल अपने प्रिय नेता की स्मृतियों से भरा हुआ था।
नीलू रजक के प्रति कैमोर की जनता की यह भावनात्मक विदाई इस बात का प्रमाण रही कि उन्होंने अपने छोटे से कस्बे में भी जनसेवा और संगठन के लिए गहरी छाप छोड़ी थी। अश्रुपूरित आंखों के साथ जब उनके पार्थिव शरीर को मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, तो पूरा शहर मानो थम गया।कैमोर के लोगों ने नीलू रजक को सिर्फ एक कार्यकर्ता के रूप में नहीं, बल्कि “अपने अपनेपन के प्रतीक” के रूप में याद किया। जब उनका पार्थिव शरीर अग्नि को समर्पित हुआ, तो कैमोर की हवा तक नम हो गई।

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