70 वर्षो से उपेक्षित कोटवार संघ ने रखी नियमितीकरण की मांग

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कांग्रेस विधायक की उपस्थिति में मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन

लगभग 70 वर्षो से राजस्व विभाग में कार्य कर रहे कोटवार आज भी उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर है, कई बार शासन-प्रशासन तक अपनी समस्याओं को ज्ञापन के माध्यम से पहुंचाया, लेकिन न तो उन्हे सुविधाएं दी गई और न ही किसी प्रकार से समस्या का निराकरण किया गया, जिसको लेकर एक बार फिर मंगलवार को कोटवार वेलफेयर सोसायटी के तत्वाधान में कोटवार संघ जिला इकाई ने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।

अनूपपुर। मध्यप्रदेश कोटवार संघ की जिला इकाई के आव्हान पर पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह की उपस्थिति में मप्र भू.रा. संहिता 1959 धारा 230 को संशोधित कर म0प्र0 कोटवारो को नियमित कर शासकीय कर्मचारी घोषित कराये जाने हेतु ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी। गौरतलब हो कि राजस्व विभाग पर समस्त हल्का पटवारियों पर कोटवार की नियुक्ति की जाती है, किन्तु आज तक किसी भी प्रकार का भविष्य उज्जवल नहीं किया गया, म0प्र0 भू0रा0संहिता 1959 धारा 16,17,19 व 104 के तहत राजस्व विभाग पर अधिकारी एवं कर्मचारियों की भर्ती की जाती है, जिनको उपरोक्त सभी पदो पर संवैधानिक लोक सेवक के पद मान कर राज्य शासन विधिवत श्रेजित किया गया पद है, परन्तु राजस्व विभाग में ही कार्यरत कोटवार बिल्कुल अल्प परिश्रमिक पाने वाला जो लगभग 70 वर्ष पूर्व से सेवारत है, जो शासन के आंख व कान कोटवारो को कहा जाता है व अंतिम छोर पर राजस्व विभाग का संदेश और राजस्व विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ 24 घंटे सेवा करने वाला सेवक भुखमरी का शिकार हो रहा है जिसको समस्यो का निराकरण करने व लंबित मागों को स्वीकृत करने में अनदेखी की गई है।
शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग


राजस्व विभाग पर अधिकारी एवं कर्मचारियों को शासकीय पद मानते हुये शासन के द्वारा समस्त सुविधायें दी जाती है, परन्तु राजस्व विभाग के अंदर सबसे छोटा सेवक कोटवार जिसे आज तक न शासकीय कर्मचारी माना गया है और न ही किसी प्रकार की सुविधा दी जाती है, न ही सम्मान पूर्वक वेतन दिया जाता है, इस महगांई व कार्य की महत्व को देखते हुये कोटवारों को 1959 धारा 230 को संशोधित करते हुये नियमितीकरण कर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाने की मांग की है। हांलाकि 22 जून 2007 को कोटवार पंचायत होने के बाद कोटवारों में भविष्य उज्जवल होने की खुशियां छाया हुआ था, किन्तु मध्यप्रदेश शासन के द्वारा कोटवारो के हित पर किसी भी प्रकार का फैसला नही लिया गया, भविष्य को लेकर कोटवार संघ के द्वारा पंचायत सूत्रीय मांगों को लेकर सहनुभूति पूर्वक आदेश प्रसारित कराये जाने की अपेक्षा चाही जा रही है।
पदनाम के साथ परिश्रमिक में हो संशोधन
श्रम विभाग के द्वारा जारी आदेश में शासकीय श्रमिक के पद पर जैसे- सिंचाई विभाग, वन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग पर कार्यरत दैनिक वेतन भोगी पर कार्यरत कर्मचारियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है जो अकुशल, अर्दकुशल, कुशल व उच्च कुशल मानकर श्रम विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार वेतन दिया जाता है, किंतु राजस्व विभाग पर अंतिम छोर पर कार्य करना करने वाला सेवक (कोटवार) को किसी भी प्रकार का कोई श्रेणी नहीं माना गया है जिससे कोटवारों को अल्प परिश्रमिक दिया जाता है, जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण, बच्चों की पढ़ाई लिखाई कराने में असमर्थ हैं एवं प्रतिदिन की मजदूरी 133.33 पैसे की हिसाब से दिया जाता है जो समय के मुताबिक बहुत कम है। हल्का में किसी भी प्रकार की जांच आदि कार्यो के लिए जरीब व टेप द्वारा नापा जाता है, जितने भूमि की मौके से जांच होती है, जिसको कोटवार द्वारा कार्य किया जाता है जिससे कोटवार पद नाम बदलकर चैनमैन किये जाने की मांग की।
वर्दी परिवर्तन की मांग


कोटवार की वर्दी नीली रंग ही है जो समय के मुताबिक 22 जून 2007 के कोटवार पंचायत के बाद ग्वालियर, चंबल संभाग में कोटवारों के वर्दी प्रदाय की गई है जिसका उपयोग कोटवारों के द्वारा बहुत ही शान शौकत से पहन कर अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा निर्देशित शासकीय कार्यो को निर्वहन ईमानदारी पूर्वक करता है, किंतु इस नीली वर्दी को पहनने से हेय व नीचता की दृष्टि से देखा जाता है, जिससे कोटवारों की मानसिक स्थिति एवं कार्यों में भारी असर पड़ता है, वर्दी परिवर्तन के लिए संभागायुक्त शहडोल को दिनांक 15 अगस्त 2019 को संघ द्वारा ज्ञापन भी सौंपा गया है।
भर्ती प्रक्रिया में किया जाये संशोधन
शासकीय कर्मचारी भर्ती होकर 12 वर्ष सेवा पूर्ण करने के बाद पदोन्नत कर दिया जाता है, जैसे भृत्य को लिपिक सहायक वर्ग-3 बना दिया जाता है, किंतु आज 90 प्रतिशत कोटवार शिक्षित हैं, जो राजस्व विभाग पर रहते हैं, परंतु 62 वर्ष सेवा करने के बाद भी कोटवारों को किसी भी प्रकार न पदोन्नत की जाती है न किसी भी प्रकार का शासन द्वारा जीवन निर्वहन के लिए कोई फंड दिया जाता है। भर्ती प्रक्रिया को संशोधित करते हुए स्थाई नियुक्ति दी जाये, जिससे भविष्य में कोई उन्हे निकाल न सके।
इन्होंने सौंपा ज्ञापन


मध्यप्रदेश कोटवार संघ जिला इकाई अनूपपुर के आव्हान पर पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह व जिला अध्यक्ष भगवानदास केवट, उपाध्यक्ष महेश कोल, सचिव श्यामसुंदर राठौर, कोषाध्यक्ष शिवचंद पडवार, संगठन मंत्री प्रकाश कुमार नापित, उमादीन, राकेश राठौर, संजय, स्वामीदीन, रूपशाह के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

 

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