खुले आसमान के नीचे रहने को मजदूर अन्नदाता 

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जिम्मेदारों का धान खरीदी केन्द्रो में व्यवस्था पर नहीं ध्यान

शहडोल। संभागीय मुख्यालय से सटे आदिमजाति सेवा सहकारी समिति मार्यादित सिंहपुर में लगभग 20 से 25 ग्रामों के किसान यहां अपनी धान लेकर आते हैं, लेकिन इस खरीदी केन्द्र में प्रबंधक द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य करते हुए 40 किलो 900  लगभग 400 से 500 ग्राम अधिक धान प्रति बोरे के हिसाब से किसानों से अधिक लिया जा रहा है, किसानों से लूट का खेल धान खरीदी की शुरूआत से ही पूरे जिले में चालू हो चुका है। खरीदी केन्द्रो में किसानों से धोखा-धड़ी या नियम के विपरीत कार्य न हो इसके लिए नोडल अधिकारी जिला प्रशासन ने नियुक्त किया हुआ है, लेकिन इसके बावजूद किसान लुटने को मजबूर हैं।
खुले आसमान के नीचे किसान
सिंहपुर धान खरीदी केन्द्र में धान बेचने आए किसानों ने बताया कि धान भरने के लिए हम अपने मजदूर स्वयं लेकर आये हैं, इसके अलावा किसान रात में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं, इसके साथ ही किसान द्वारा लाई गई धान शीत के चलते गीली हो रही है, इसके अलावा सिंहपुर धान खरीदी केन्द्र में पदस्थ जिम्मेदार मजदूरों के नाम पर भी फर्जी हाजरी दर्शाकर रूपये निकालने की तैयारी शुरूआत से ही कर ली है।
धोखे में किसान
धान खरीदी केन्द्रो में 16.4 से 17 फीसदी नमी तक ही खरीद का प्रावधान है। इससे अधिक नमी की धान खरीदी करने पर चावल बना कर देने में घाटा हो सकता है, लेकिन सिंहपुर धान खरीदी केन्द्र में मानक के अनुरूप नमी लेने के बावजूद 400 से 500 ग्राम धान अधिक किसानों से ली जा रही है, लेकिन जिम्मेदार संभवत: शुरूआत से ही धान खरीदी केन्द्रों में नहीं पहुंच रहे हैं। जानकारों की माने तो धान की नमी मापने के लिए यंत्र खरीदी केन्द्र में रहता है, लेकिन किसानों को धोखे में रखकर ज्यादा धान बोरों में भर्ती की जा रही है।
असुविधा बनी मुसीबत
ग्राम पंचायत सिंहपुर में जहां धान खरीदी की जा रही है, वहां किसान, मजदूर एवं समिति के कर्मचारी दिन-रात धान-खरीदी दिनांक  से है, साथ ही धान खरीदी केन्द्र परिसर में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पंचायत द्वारा कराया गया है, लेकिन उक्त परिसर में पंचायत द्वारा ताला लगाकर रखा गया है, इसके चलते व आने वाले किसान और मजदूर खुले में शौच करने जाने को मजबूर हैं, लेकिन जिम्मेदारों को किसानों और मजदूरों को हो रही असुविधाओं से कोई लेना-देना नहीं है।

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