कबाडखाने में तब्दील हो रहे नगरपालिका में लाखो के वाहन

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लाखों के ई-रिक्सा हो गये खराब, नपा में चल रही सीएमओ की मनमर्जी
मडपंप और काउकैचर उद्यान की बढा रहे शोभा
मुख्यालय की नपा के आधा दर्जन कर्मचारी सीएमओ की कार्यप्रणाली से नाखुश जनर आ रहे है, वहीं नपा में मौजूद संसाधान अब कबाड का भी रूप लेने लगी है, लाखों खर्च करने के बाद नपावासियों को इसकी सुविधा नही मिल पा रही है, बल्कि कीमती वाहनो और उपयोगी वस्तुओं को खराब कर कबाडखाने के रूप में नपा को तब्दील किया जा रहा है।
अनूपपुर। नगरपालिका में इन दिनो भर्रेशाही का आलम नजर आने लगा है, मुख्य नगरपालिका अधिकारी हरिओम वर्मा की कार्यप्रणाली प्रशासक तक पहुंच चुका है, लेकिन व्यवस्था में कोई विशेष परिवर्तन देखने को नही मिला या यूं कहे कि सीएमओ की मनमर्जी का नगरपालिका बन चुका है, यही कारण है कि नगरपालिका की 50 फीसदी वाहन कबाड़ में तब्दील होते जा रहे है, जिसके चलते शहर में सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गया है, मेटेनेंस के नाम पर सालाना लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं, इसके बाद भी सफाई सहित अन्य व्यवस्था बेपटरी हो गया है। साल दर साल नई गाडियों की खरीदी हो रही है, वहीं पुरानी गाडियां कबाड़ में तब्दील होते जा रहा है। रख रखाव व मेंटेनेंस के अभाव में वाहने उद्यान व नपा में पड़ी है। कई वाहनें ऐसी है जो लाखों की है और बिना चले ही कबाड़ का रूप ले लिया है, जिससे शहर की साफ सफाई नहीं हो पा रही है।
लाखो के ई-रिक्सा हो रहे कबाड
वर्षभर पहले नगर की सफाई व्यवस्था के लिए लाखो खर्च कर कई नग ई-रिक्सा क्रय किया गया था, लेकिन कई महीनो से नगरपालिका के कार्यालय में कबाड के रूप में देखा जा रहा है। ई-रिक्सा में कमियां कुछ भी दिखाई नही दे रही है, लेकिन सीएमओ की लापरवाही के कारण नई गाडियां नही चल पा रही है, बल्कि उसे कार्यालय के मैदान में खडा कर कबाड में तब्दील किया जा रहा है। शासन का पैसा वाहन खरीदी और उनके मेटेनेंस में पानी की तरह किस तरह बहाया जाता है, इसकी बानगी नगरपालिका में देखा जा सकता है।
कीटनाशक के नाम पर भ्रष्टाचार
शासन नगरपालिका में साफ सफाई सहित अन्य कई तरह की सुविधाओं के लिए हर साल नए-नए वाहन खरीदकर देती है, लेकिन पालिका के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते वाहन बहुत जल्द कबाड़ का रूप ले लेता है। यह नगरपालिका के उद्यान के पीछे रखे वाहनों को देखकर भलीभांति समझा जा सकता है। वहीं कीटनाशक की खरीदी में लाखों रूपए की भ्रष्टाचार की गई है। नपावासियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह न मिलकर अपने चहेतो को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। वही कुछ दिनो से महिला कर्मचारी सीएमओ के खिलाफ कलेक्टर तक शिकायत लेकर पहुंच चुकी है।
उद्यान में पडे मड पंप और काउकैचर 
नगरपालिका में कुछ दिनो पहले मंड पंप खराब हो चुकी थी, जिसे उद्यान के पीछे रख दिया गया था, महीनो तक ऐसे ही पडा रहा, फिर किसी ने सुध लेकर बनवाने का प्रयास किया वही काउकैचर का उपयोग न करके उसे भी रख दिया गया था, महीने में एकाध बार काउकैचर का उपयोग कर आवारा पशुओं को पकड लिया जाता है, कुल मिलकर सिर्फ दिखावे के लिए वस्तुओं का उपयोग किया जाता है जो वास्तविकता से परे है। वही उद्यान के पास लगे बोरवेल्स भी वर्षो से खराब पडा हुआ है।
मनमर्जी से चल रहा नगरपालिका
नगरपालिका अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जैसे ही प्रशासक नियुक्ति हुए सबने अपने-अपने पदस्थापना के दौरान मनमर्जी का नगरपालिका बना दिया, जिसमें से सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पूर्व सीएमओ राममिलन तिवारी ने किया था, अब वर्तमान सीएमओ हरिओम वर्मा के द्वारा भी मनमर्जी के रूप में नगरपालिका का संचालन कर रहे है। राजस्व वसूली में फिसड्डी प्रदर्शन के लिए जानी जाने वाली यह नगरपालिका अपना राजस्व आय बढाने के प्रति कितनी सजग है यह इस बात से साबित होता है कि नगरपालिका से बिना एनओसी लिए ही सैकडों मकान बने, मगर एक पर भी कार्यवाही आज तक नहीं हुई और विद्युुत विभाग ने इन बिना एनओसी वाले मकानों को बाकायदा विद्युत कनेक्शन भी दे दिए हैं। जबकि विधिवत एनओसी लेने वालों को नगरपालिका के कई चक्कर लगाने पडते हैं।
इनका कहना है
ड्राईवरो के अभाव में ई-रिक्सा का संचालन नही हो पा रहा है, मडपंप की रिपेयरिंग हो चुकी है जिसका उपयोग किया जा रहा है।
हरिओम वर्मा, सीएमओ
नगरपालिका परिषद अनूपपुर

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