सहायक आयुक्त कार्यालय में आराम प्रतियोगिता?
एसी कार्यालय के कर्मचारियों ने की नई उपलब्धि!
(Amit Dubey-7000656045)
शहडोल। जिले के सहायक आयुक्त कार्यालय में कर्मचारियों ने कार्य से अधिक आराम फरमाने की कला में महारत हासिल कर ली है। बीते दिनों कार्यालय में पदस्थ रजनीश दुबे की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसने प्रशासनिक बेलगामी स्थिति की पोल खोल दी। फोटो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि श्री दुबे कार्यालय में आराम फरमा रहे हैं। हालांकि उनका दावा है कि वह कार्यालय के सबसे मेहनती कर्मचारियों में से हैं और कभी-कभार थकान के कारण अंगडाई ली होगी, लेकिन फोटो देखकर आम जनता को ऐसा प्रतीत होता है कि साहब घर की थकान कार्यालय में उतार रहे हैं।
जिले में नौकरशाही की बेलगामी स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब प्रमाणित भ्रष्टाचार के मामलों में महीनों जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं होती तो, रजनीश दुबे जैसे कर्मचारी आराम फरमाने में कितना सहज महसूस कर सकते हैं। स्थानीय लोग व्यंग्य में कहते हैं कि अगर साहब बिस्तर लगाकर सो भी जाएं, तो कार्यालय की कार्यप्रणाली पर शायद कोई असर नहीं पड़े, क्योंकि इतनी सहजता से आराम प्रतियोगिता का माहौल बन चुका है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कार्यालय में काम करने का समय कब आराम में बदल जाता है, यह अब पहचानने लायक नहीं रह गया। फोटो में दिख रहा दृश्य यह बताता है कि कर्मचारियों का विशेष प्रशिक्षण सिर्फ दस्तावेज़ों पर मुहर लगाने तक सीमित नहीं, बल्कि अंगडाई लेने और आराम फरमाने में भी उत्कृष्ट हो गया है।
दूसरी ओर, जनता और शिकायतकर्ताओं का विश्वास जिला प्रशासन पर लगभग समाप्त हो चुका है। शिकायत करने पर भी अक्सर तथ्यों को घुमाकर पेश किया जाता है और जांच नाम की प्रक्रिया सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाती है। ऐसे में यह फोटो प्रशासनिक सिस्टम की उपेक्षा और कर्मचारियों की बेलगामी आदतों का प्रतीक बन गया है।
शहरवासियों का कहना है कि सहायक आयुक्त कार्यालय में आराम फरमाने का यह नया कीर्तिमान आम जनता को व्यंग्यात्मक मनोरंजन के साथ-साथ यह भी दिखाता है कि जिला प्रशासन की सक्रियता पर भरोसा करना अब व्यर्थ सा लगने लगा है। फोटो के वायरल होने के बाद भी, किसी अधिकारी ने स्थिति सुधारने की पहल नहीं की, जिससे आमलोगों का यह विश्वास और मजबूत हुआ कि आराम अब कार्यालय की अनौपचारिक नीति बन चुकी है।
यदि कार्यालय में इसी तरह की बेलगाम स्थिति रही, तो संभव है कि शहडोल के नागरिक कार्य में तत्परता के बजाय आराम प्रतियोगिता के आयोजनों का इंतजार करने लगें।