लोक जनशक्ति पार्टी की चुनावी बिसात बंटू रोहरा की ताजपोशी से दलित-पिछड़ा वोट बैंक साधने की रणनीति

0

लोक जनशक्ति पार्टी की चुनावी बिसात बंटू रोहरा की ताजपोशी से दलित-पिछड़ा वोट बैंक साधने की रणनीति
कटनी। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास द्वारा बंटू रोहरा को कटनी जिला अध्यक्ष बनाए जाने को केवल संगठनात्मक नियुक्ति नहीं, बल्कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर की गई रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है। यह फैसला जिले की राजनीति में दलित-पिछड़ा वर्ग के समीकरणों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान के नेतृत्व में LJP रामविलास मध्यप्रदेश में अपनी सामाजिक-राजनीतिक पकड़ को मज़बूत करने की दिशा में सक्रिय है। कटनी जैसे जिले में, जहाँ दलित, पिछड़ा और श्रमिक वर्ग निर्णायक भूमिका निभाता है, वहाँ बंटू रोहरा की नियुक्ति को जमीनी नेतृत्व खड़ा करने की कवायद माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बंटू रोहरा को जिला कमान सौंपकर LJP (रामविलास) का फोकस दलित-पिछड़ा समाज के संगठनों को जोड़ने,युवा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने,
और स्थानीय मुद्दों को चुनावी एजेंडे में बदलने पर रहेगा।
यह कदम खासतौर पर उन मतदाताओं को साधने की कोशिश है, जो अब तक परंपरागत रूप से अन्य राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के साथ जुड़े रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि चिराग पासवान की राष्ट्रीय पहचान और केंद्र में मंत्री पद का राजनीतिक लाभ, जिले में पार्टी को नई विश्वसनीयता प्रदान कर सकता है। वहीं बंटू रोहरा के माध्यम से स्थानीय स्तर पर सामाजिक संतुलन साधते हुए संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की योजना पर काम किया जाएगा। राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि आने वाले समय में LJP (रामविलास)
दलित-पिछड़ा सम्मेलन,सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों,
और केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार के जरिए
अपना वोट बैंक तैयार करने की रणनीति पर आगे बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, बंटू रोहरा की नियुक्ति को कटनी में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की चुनावी तैयारी की औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है, जो आने वाले चुनावों में जिले की राजनीति में नए समीकरण गढ़ सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed