मुगल और अंग्रेजों से ज्यादा अत्याचार हुआ आपातकाल के दौरान: शंकरलाल तिवारी आपातकाल के काला अध्याय के 50 वर्ष होने पर जिला भाजपा ने किया लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान

मुगल और अंग्रेजों से ज्यादा अत्याचार हुआ आपातकाल के दौरान: शंकरलाल तिवारी
आपातकाल के काला अध्याय के 50 वर्ष होने पर जिला भाजपा ने किया लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान
कटनी। 25 जून भारत के राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय है, जिसमें तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने सत्ता के मोह, राजनीतिक अहंकार और विपक्ष मुक्त देश की लालसा में आपातकाल जैसा काला निर्णय देश पर थोपा। यह निर्णय लोकतंत्र की हत्या के समान था। यह भारतीय लोकतंत्र पर गहरा आघात था। उस स्मृति को पुनः जीवित करने एवं देश के सच्चे लोकतंत्र रक्षकों को सम्मानित करने के लिए भाजपा जिला कार्यालय में बुधवार को भाजपा ने आपातकाल के काला अध्याय का 50 वर्ष होने पर लोकतंत्र सेनानियों एवं लोकतंत्र प्रहरियों सम्मान किया। जिसमें मुख्य अतिथि सतना के पूर्व विधायक, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शंकरलाल तिवारी कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष रामसुजान सोनी ने संबोधित किया। सर्व प्रथम अतिथियों ने भारत माता व पितृ पुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्रों पर माल्यार्पण दीप प्रज्वालित कर आरंभ किया। इस दौरान लोकतंत्र सेनानी गया प्रसाद चौरसिया, द्वारिका प्रसाद सोनी, देवीदीन चौरसिया, भागचंद असाटी एवं अशोक शर्मा मंचासीन रहे। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामरतन पायल, पीतांबर टोपनानी, पिछड़ा मोर्चा उपाध्यक्ष सुरेश सोनी, वरिष्ठ नेता भवँर सिंह चौहान, संतोष जायसवाल, कार्यक्रम संयोजक अम्बरीष वर्मा ने लोकतंत्र सेनानियों के साथ ही मीसाबंदी परिवारजनों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान आपातकाल पर बनी टेली फिल्म दिखाई गई तथा आपातकाल पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन अतिथियों द्वारा किया गया।
लोकतंत्र सेनानी शंकरलाल तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे हो रहे है। इन 50 वर्षों में देश ने कई बदलाव देखे है। आज आपातकाल के बाद तीसरी पीढ़ी है और इस पीढ़ी को भी आपातकाल के काले अध्याय के बारे में जानने की आवश्यकता है। किस प्रकार से आंतरिक अशांति के नाम पर कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोप दिया । इंदिरा गांधी की सत्ता को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को उनके निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया। इंदिरा गांधी ने सत्ता की लोलुपता के कारण लोकतंत्र का गला घोंटने का दुष्कर्म किया और आज कांग्रेस कहती हैं संविधान खतरे में हैं ।लोकतंत्र सेनानी नहीं होते तो आज देश में लोकतंत्र नहीं होता। अगर कांग्रेस को 1977 में जीत मिल जाती तो आज देश में लोकतंत्र का नहीं गांधी परिवार राज होता ।
मुख्य वक्ता रामसुजान सोनी ने कहा कि आज से 50 साल पहले कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया गया जो आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हे वे अपना इतिहास भी देखे कि देश में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किसने किया है। मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिए गया । पूरे देश को जेल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। विपक्ष के साथ ही देश की जनता पर अत्याचार किए गए और तो और अत्याचार की पराकाष्ठा की गई । आपातकाल के काले अध्याय को 50 वर्ष पूरे हो गए है। हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने कष्ट ओर यातनाएं झेल कर लोकतंत्र को बचाने का काम किया। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री सुनील उपाध्याय तथा आभार प्रदर्शन अम्बरीष वर्मा ने किया। कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ता पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।