मां बेघर, बेटे गुनहगार प्रशासन बना संबल वृद्धा की पुकार पर दौड़ा प्रशासन सख्ती बनी संजीवनी, वृद्धा को मिला उसका आशियाना
मां बेघर, बेटे गुनहगार प्रशासन बना संबल.वृद्धा की पुकार पर दौड़ा प्रशासन सख्ती बनी संजीवनी, वृद्धा को मिला उसका आशियान
मां के आँचल में पलकर बड़े हुए वही बेटे जब बुजुर्ग मां को बेघर कर दें, तो यह किसी भी समाज के लिए सबसे बड़ी पीड़ा है। अल्फर्टगंज बस्ती की वृद्धा श्रीमती राजकुमारी सिंह के साथ ऐसा ही हुआ, लेकिन प्रशासन उनकी ढाल बनकर सामने आया। त्वरित कार्रवाई से न केवल मां को उसका घर वापस मिला, बल्कि बेटों पर प्रतिमाह भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई। यह मामला मानवता और न्याय दोनों की जीत माना जा रहा है शासन-प्रशासन की त्वरित और कड़ी कार्रवाई ने न सिर्फ मां को उसका घर वापस दिलाया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि “अन्याय कितना ही बड़ा क्यों न हो, न्याय की आवाज़ दबाई नहीं जा सकती।
कटनी।। अल्फर्टगंज क्षेत्र की वृद्ध महिला श्रीमती राजकुमारी सिंह को शासन-प्रशासन की त्वरित कार्यवाही के चलते अपना घर वापस मिल गया। जानकारी के अनुसार, उनके ही पुत्रों ने उन्हें घर से निकाल दिया था, जिससे पीड़िता ने थाना कोतवाली और एस.डी.एम. कार्यालय में अपनी गुहार लगाई।
मामले को गंभीरता से लेते हुए एस.डी.एम. कटनी ने आदेश पारित किया कि वृद्ध मां को उसके घर में सम्मानपूर्वक रखा जाए और पुत्र प्रतिमाह 05-05 हजार रुपये भरण-पोषण हेतु अदा करें। यह आदेश न केवल मां को राहत देने वाला रहा बल्कि बेटों को उनकी जिम्मेदारी भी याद दिलाने वाला साबित हुआ। आदेश के पालन में तहसीलदार आशीष अग्रवाल एवं थाना प्रभारी कोतवाली अजय बहादुर सिंह ने पीड़िता को उनके घर पहुंचाकर आश्रय दिलाया। साथ ही परिवार को सख्त हिदायत दी गई कि मां की उचित देखभाल करें और एस.डी.एम. के निर्देशों का पालन करें।
वृद्धा को घर वापस मिलने पर उन्होंने शासन- प्रशासन के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। वहीं, समाज में इस घटना ने बेटों के अमानवीय व्यवहार पर नाराजगी और रोष को जन्म दिया है। लोग इसे “मां के साथ घोर अन्याय” बताते हुए प्रशासन की इस मानवीय पहल की सराहना कर रहे हैं।