दिलीप बिल्डकॉन के सामने नतमस्तक पुलिस प्रशासन

0

लहु-लुहान होने के लिए एनएच-43 को छोड़ा

(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 के निर्माण से लेकर अगर अभी तक हुए हादसों के आकड़ों को अगर निकाला जाये तो, कईयों ने अपनी जान गवाईं है और कई अपंग हो चुके हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी खुद ही मार्गाे में हो रही दुर्घटनाओं को भले ही तकनीकी खामियां मानते हो, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी मंत्री के आदेश को भी रद्दी की टोकरी में फेकनें में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
खूनी हो चुकी सड़क
रोजाना मार्ग पर शहडोल से लेकर छत्तीसगढ़ के बार्डर तक हादसे होते हैं, कईयों की जान जाते ही है, कई घायल होते हैं, बेजुबानों की बलि भी सड़क पर हो रही है, लेकिन जिम्मेदार खामोश हैं, यह वहीं सड़क है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दो तीरंदाजों की जान ली थी, इतना ही नहीं हर्री में चार लोगों की जाने गई थी, जिसके बाद तात्कालीन पुलिस अधीक्षक सुशांत सक्सेना ने एमपीआरडीसी सहित ठेका कंपनी सहित मॉनिटरिंग एजेंसी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था।
राहगीरों के हवाले छोड़ दी सड़क
करोड़ों रूपये की सड़क का निर्माण भोपाल की दिलीप बिल्डकॉन नामक कंपनी ने कराया, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई, मार्ग पर परिवहन शुरू होने के बाद से सड़क की मरम्मत का 4 साल का ठेका भी केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिलीप बिल्डकॉन को सौंपा गया, जिसमें अतिरिक्त भुगतान भी किया जा रहा है, लेकिन भुगतान लिया जा रहा है और सड़क सुरक्षा से जुड़े सांकेतकों का कोई पता नहीं है, निर्माण में मंत्रालय की गाइड लाईन के अलावा इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों की भी अनदेखी की गई है।
नहीं है कोई इंतजाम
मंत्रालय के बीच हुए अनुबंध में स्पष्ट उल्लेख है कि सुरक्षा सांकेतकों की जिम्मेदारी दिलीप बिल्डकॉन की है, अगर वह चोरी होते हैं तो उन्हें निर्धारित समय में बदलना, हादसे की सूचना पुलिस को देना, अगर मार्ग पर कोई ब्रेक डाउन वाहन है तो, उसे तत्काल हटाने के लिए क्रेन की व्यवस्था भी करनी होगी, लेकिन न तो क्रेन का पता है और न ही मॉनिटरिंग वाहन का। सबकुछ कागजों पर ही संधारित किया जा रहा है, सड़क विकास निगम को इस बारे में पूरी रिपोर्ट भी बनाकर भेजनी होती है, लेकिन कोई काम नहीं किया जाता, वहीं सरकार ने जयपुर की थीम इंजीनियरिंग नामक मॉनिटरिंग एजेंसी को भी तैनात कर रखा है, उसके द्वारा भी कोई कार्य नहीं किया जा रहा। कुल मिलाकर दिलीप बिल्डकॉन के रसूख के सामने पुलिस और प्रशासन नतमस्तक है।
यमदूत बनकर खड़े रहते हैं बल्कर
मार्ग पर ओव्हर लोड बल्कर यमदूत बनकर खड़े रहते हैं, जिससे हादसा कारित होता है, शनिवार को सरफा पुल के पास दो बल्कर सड़क पर खड़े थे, नवलपुर निवासी गिरधारी साहू अपनी बाईक से जा रहे थे, जो कि इन बल्करों से टकरा गये और गंभीर रूप से घायल हो गये, न ही 108 पहुंची और न ही 100 डॉयल, ग्रामीणों ने बाईक से ही उन्हें अस्पताल पहुंचाया, बल्करों के चलते कई हादसेे हो चुके हैं, सूत्र बताते हैं कि उमरिया जिले के पाली में रहने वाले रवि गुप्ता अनूपपुर से लेकर उमरिया तक पॉवर प्लांटो में राखड़ लेने आने वाले बल्करों के मालिकों से वसूली कर वर्दीधारियों तक पहुंचाने का काम करता है, उसकी के चलते कार्यवाहियां शून्य हैं।
इनका कहना है…
इस मामले में सारे दस्तावेज मंगाकर कार्यवाही कराई जायेगी। सड़क हादसा रोकना पुलिस की प्राथमिकता में शामिल है।
सतेन्द्र शुक्ला
पुलिस अधीक्षक, शहडोल
******
हमने क्रेन एनएचआई को सौंप दी है, यह उनकी जिम्मेदारी है वह किससे चलवाये, हमने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कई बार वाहनों के खड़े होने की सूचना दी है, लेकिन पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती, मार्ग पर नियमों के तहत सुरक्षा सांकेतक और गति सांकेतक बोर्ड लगाये हैं।
अमित शर्मा
मेंटनेंस प्रभारी, एनएच-43
दिलीप बिल्डकॉन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed