नवरात्र नौ दिन माई दशम दिन विदाई विसर्जन मां चली खराब मौसम के बाद भी रीठी के एतिहासिक दशहरे में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी मातारानी को बिदाई

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नवरात्र नौ दिन माई दशम दिन विदाई विसर्जन मां चली
खराब मौसम के बाद भी रीठी के एतिहासिक दशहरे में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी मातारानी को बिदाई


कटनी, रीठी।। असत्य पर सत्य की विजयी का पर्व दशहरा गुरुवार को खराब मौसम के बाद भी रीठी नगर में बड़े ही हर्षोल्लास, धूमधाम व भक्तिभाव के साथ उत्सवी माहौल में मनाया गया। देखा गया कि बारिश होने के बाद भी रीठी नगर के एतिहासिक दशहरे में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा और सभी ने ढोल-नगाड़े, गाजे-बाजे के साथ नम आंखों में मां जगदम्बा को बिदाई दी और कल्याण की कामना की। रात्रि नौ बजे से प्रारंभ हुआ दशहरा चल समारोह करीब पांच घंटे बाद रात्रि दो बजे विसर्जन घाट पहुंचा जहां सुबह चार बजे तक विसर्जन का सिलसिला चलता रहा। वहीं गोल बाजार प्रांगण में चल रहे रामलीला में रावण के पुतले का दहन किया गया।
परंपरानुसार रात्रि आठ बजे रीठी के पोस्ट आफिस तिराहे पर नगर में बिराजमान सभी दुर्गा प्रतिमाएं अपने-अपने नंबर पर एकत्रित हुई जिसके बाद ढोल-नगाड़े, गाजे-बाजे व डीजे की धुन पर नाचते गाते हुए दशहरा चल समारोह जुलूस प्रारंभ हुआ। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते देवलिया जलाशय पहुंचा जहां विधी-विधान से पूजा-अर्चना के बाद आदि शक्ति मां जगत जननी को बिदाई दी गई। देखा गया कि देवलिया जलाशय में प्रतिमा विसर्जन करने का सिलसिला सुबह चार बजे तक चलता रहा।

11 प्रतिमाएं हुईं चल समारोह में शामिल

रीठी नगर के एतिहासिक दशहरा चल समारोह में नगर की 11 दुर्गा प्रतिमाएं शामिल हुईं। जिसमें बड़ी माई गोल बाजार दुर्गा उत्सव समिति, खेर माई दुर्गा उत्सव समिति, गल्ला मंडी दुर्गा उत्सव समिति, सिंघैया दुर्गा उत्सव समिति, पटेल मोहल्ला दुर्गा उत्सव समिति, बस स्टैंड दुर्गा उत्सव समिति, रेल्वे स्टेशन दुर्गा उत्सव समिति, चौधरी मोहल्ला दुर्गा उत्सव समिति, आजाद चौक दुर्गा उत्सव समिति, पोस्ट आफिस तिराहा दुर्गा उत्सव समिति, शिव नगर दुर्गा उत्सव समिति की भव्य झांकी दशहरा चल समारोह में शामिल हुईं। देखा गया कि कोई ट्रक में तो कोई ट्रैक्टर ट्राली में तो कोई लोडर वाहनों में भव्य झांकी बनाकर माता रानी को बिराजमान कर नाचते गाते हुए भव्य जुलूस निकाला गया।

खप्पर वाली मां महाकाली की झांकी रही निराली

बाना लेकर चलते पंडा, सिर जवारा कलश रखीं महिलाएं, खप्पर की आग और लोगों के बीच नृत्य करती मां महाकाली। यह सब नजारे थे बुधवार को रीठी में जवारा विसर्जन के। शारदीय नवरात्र पर्व के मौके पर रीठी नगर के साहू मोहल्ला छोटी रेल्वे स्टेशन गली में स्थित बड़े दिवाले में परंपरानुसार बड़ी संख्या में जवारा बोए गए थे। जिनका भव्य जुलूस बुधवार को निकाला गया। बड़े दिवाले से बैंड-बाजे के साथ शाम करीब सात बजे प्रारंभ हुआ जवारों का जुलूस खेर माई पहुंचा जहां पूजा अर्चना के बाद जुलूस पुनः नगर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए सिंघैया स्थित तालाब पहुंचा जहां विधी विधान के साथ आस्था के प्रतीक जवारों का विसर्जन किया गया। देखा गया कि जवारा जुलूस में खप्पर की आग के साथ भक्तों के बीच नृत्य करती मां महाकाली की झांकी बड़ी निराली रही।

टीआई के जिम्मे चल समारोह, कहीं नजर नहीं आए बड़े अफसर

देखा गया कि गुरुवार को संपन्न हुए रीठी नगर के एतिहासिक दशहरे में बड़े अफसर कहीं भी नजर नहीं आए। टीआई के जिम्मे रीठी का एतिहासिक दशहरा चल समारोह छोड़कर बड़े अफसर गायब रहे। हालांकि दुर्गा उत्सव समितियों की सूझबूझ से दशहरा चल समारोह शांति पूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। लेकिन रीठी नगर का एतिहासिक दशहरा चल समारोह प्रशासन के नियंत्रण से बाहर रहा। रीठी थाना प्रभारी भर बल के साथ व्यवस्थाओं का जायजा लेते नजर आए। लोगों को यह भी कहते सुना गया कि किसी भी पर्व को लेकर रीठी थाने में आयोजित होने वाली शांति समिति की बैठक औपचारिकता तक ही सीमित रहती है, शांति समिति की बैठक उन लोगों को आमंत्रित कर आयोजित हो जाती है जो जुलूस सहित दूर-दूर से आए भारी जन सैलाब को देखने तक अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की जहमत नहीं उठाते।

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