तीसरे दिन डेढ़ दर्जन महिलाएं भूख हड़ताल पर,रेल ठहराव पर अडिग क्षेत्रीय जन संघर्ष समिति
(अनिल साहू-7000973175)
उमरिया।जब अन्याय कानून बन जाये तब बगावत कर्तव्य बन जाता है शायद इसी राह पर क्षेत्रीय जन संघर्ष समिति के हजारों कार्यकर्ता चंदिया में 5 सितंबर से रेल ठहराव को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल पर है।बुधवार को आंदोलित पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी जन हितैषी मांगों पर अपनी सहमति जताई और डेढ़ दर्जन से अधिक कामकाजी महिलाएं क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गई है।रेल प्रबंधन से अपनी मांगों को मनवाने जिन महिलाओं ने समिति द्वारा आयोजित क्रमिक भूख हड़ताल के तीसरे दिन अपनी भूमिका निभाई है,उनमें मुख्य रूप से स्थानीय प्रेमलता अग्रवाल,माया पयासी,सुधा द्विवेदी,माया सोनी,ममता अग्रवाल,ममता मेल,सीमा अग्रवाल,सुशीला सोनी,प्रीति पयासी,सावित्री सिंह,साधना शर्मा,लीला सोनी,उमा बर्मन,रेशमा खान,निर्मला सिंह,सीता तिवारी,राधा त्रिपाठी,अशोका सिंह,बिंदु सिंह,जानकी पटेल,शोभा राय शामिल है,अनशन के दौरान महिलाओं के मेडिकल चेकअप आदि की व्यवस्था भी स्वास्थ्य अमला कर रहा है।
रेल साइडिंग पर किया विरोध
बुधवार को रेल ठहराव को लेकर आंदोलित क्षेत्रीय संघर्ष समिति ने रेल साइडिंग पर भी परिवहन में लगे ट्रक एवं कंटेनर को रोक कर विरोध दर्ज किया है,विदित हो कि जिले अंतर्गत ग्राम झरेला सहित दूसरे गांव से सफेद सीमेंट चंदिया स्थित रेल साइडिंग से माल गाड़ी में लोड होकर परिवहन के दौरान देश के दूसरे हिस्सों में जाती है,क्षेत्रीय संघर्ष समिति का मानना है कि रेलवे को इससे हर माह करींब 5 से 6 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होती है,बावजूद इसके रेल प्रबंधन चंदिया वासियों के दुख दर्द से दूर है और स्थानीय लोगो के प्रति दोहरे चरित्र का पैमाना बनाया हुआ है,शायद इन्ही कारणों से समिति ने रेल साइडिंग पहुंचकर विरोध दर्ज किया है।रेल ठहराव को लेकर महज चंदिया में ही रेल प्रबंधन से शिकायतें नही है,बल्कि उमरिया,बिरसिंहपुर,नोरोजाबाद सहित दूसरे स्टेशन पर भी कोरोना काल के बाद क़ई ट्रेनों के ठहराव पर रेल प्रबंधन ने रोक लगा दी है,जिसके बाद रेल यात्रियों में जमकर आक्रोश और गुस्सा है।