चिकित्सकों ने दिया 24 घण्टों का अल्टीमेटम : निर्णय बदलो या स्तीफा स्वीकारो
(अनिल तिवारी)
शहडोल। प्रदेश सरकार के द्वारा शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में बीते दिनों सिविल सर्जन के रूप में डॉक्टर परिहार की नियुक्ति के बाद चिकित्सकों ने इसे गलत ठहराते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी इस संदर्भ में बीते दिनों चिकित्सकों ने स्वास्थ्य मंत्री सहित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा थे जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि यदि उन्हें नहीं हटाया जाता तो सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे लेकिन जन भावना और सेवा भाव के कारण 20 चिकित्सक लगातार यहां पर अपनी सेवाएं दे रहे थे लेकिन इस दौरान प्रदेश सरकार द्वारा कोई भी खास कदम ना उठाने के कारण आज फिर 19 चिकित्सकों ने एक साथ पत्र लिखकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अपनी पुरानी मांगों से अवगत कराया और उन्हें यह भी पत्र में उल्लेख किया कि यदि कल तक विसर्जन के पद की नियुक्ति को वापस नहीं लिया जाता या परिवर्तित नहीं किया जाता तो अपने कार्यस्थल से भी सभी 19 चिकित्सक अनुपस्थित रहेंगे और त्याग पत्र दे देंगे ।
यह लिखा चिकित्सकों ने पत्र में
श्री कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय-शहडोल में पदस्थ चिकित्सकों के द्वारा दिनांक 12 दिसम्बर को डॉ. जी.ए. परिहार (दंत चिकित्सक) को सिविल सर्जन, सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक-शहडोल बनाये जाने के विरोध में प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सेवायें, म.प्र. भोपाल के
नाम कलेक्टर-शहडोल के माध्यम से ज्ञापन दिया गया था। किन्तु खेद का विषय है कि आज दिनांक तक शासन द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई है। सभी चिकित्सकों द्वारा आज 17 दिसम्बर को सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया है कि 18.दिसम्बर तक यदि शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार डॉ. जी.एस. परिहार
(दंत चिकित्सक) को सिविल सर्जन-शहडोल बनाये जाने के विषय में जारी किये गये आदेश को परिवर्तित नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में दिनांक 19.12.2020 को विवश होकर सभी चिकित्सक अपना त्याग-पत्र सौंप देंगे तथा 19.12.2020 से कोई भी चिकित्सक
अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित रहकर कार्य नहीं करेगा।
श्री कुशाभाऊ ठाकरे जिला – चिकित्सालय-शहडोल First Referral है तथा सभी चिकित्सक/विशेषज्ञ जनमानस के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुये अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। जिला चिकित्सालय-शहडोल में पूरे सम्भाग से मरीजों का आना होता है। ऐसे में एक दंत चिकित्सक को “सिविल सर्जन” जैसे महत्वपूर्ण प्रशासकीय पद का दायित्व सौंपने से स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय कार्य प्रभावित हो सकता है एवं जनमानस की सेवा में दुष्प्रभाव पड़ता है।
सभी चिकित्सक अपनी सेवाभाव से जिला चिकित्सालय-शहडोल में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये कार्य कर रहे हैं। शासन से अपेक्षा है कि डॉ. जी.एस. परिहार (दंत चिकित्सक) को सिविल सर्जन बनाये जाने के निर्णय को बदलकर सभी चिकित्सकों विषेषज्ञों के कार्य के पक्ष में निर्णय लिया जाये।
अतः डॉ. जी.एस. परिहार (दंत चिकित्सक) के सिविल सर्जन बनाये जाने हेतु जारी आदेश को यदि दिनांक 18.12.2020 तक परिवर्तित नहीं किया जाता है तो हम सभी चिकित्सक/विशेषज्ञ विरोध स्वरूप अपना सामूहिक त्याग-पत्र दिनांक 19.12.2020 को सौंप देंगे। कृपया उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।