उधार के वाहनों से पुलिस ने कर दी जनसेवा

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भुगतान के लिए 6 माह से दर-दर भटक रहे वाहन मालिक
जिम्मेदार अधिकारी डाल रहे एक दूसरे के ऊपर भुगतान का ठीकरा

जैतहरी के तीन वाहन मालिकों के लिए यह वर्ष किसी वज्रपात से कम नहीं था, एक तरफ कोरोना काल में खड़े वाहनों की किश्तों ने इनकी कमर तोड़ दी, वहीं इस काल से ठीक पहले प्रशासन के द्वारा भाड़े पर लिये गये इनके वाहनों का भुगतान करना प्रशासन भूल गया।

अनूपपुर। होली के महापर्व पर जैतहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए तात्कालीन एसडीएम जैतहरी द्वारा अजीत कुमार गुप्ता, बाबूलाल राठौर व भारत सिंह पाटले के वाहन अधिग्रहित किये गये थे। 9 मार्च 2020 को कार्यालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी जैतहरी के आदेश क्रमांक 85 के माध्यम से अधिग्रहण किये गये वाहनों को शासकीय शर्तों के आधार पर भुगतान किया जाना था। अधिग्रहण के दौरान पूरी प्रक्रिया पूर्व की तरह शासकीय नियमों के अनुरूप लागू की गई, मध्यप्रदेश शासन के पुलिस विभाग द्वारा रोजनामचे विवरण में इन वाहनों को एसडीएम के आदेश क्रमांक तक का उल्लेख करते हुए वाहनों की रीडिंग नोट की गई तथा आस्था फीलिंग पेट्रोल पंप से ईंधन भी डलवाया गया, लेकिन काम निकलने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने वाहन मालिकों से इस तरह से किनारा किया कि जैसे वह कोरोना संक्रमित हो गये हो, हालात यह हैं कि तब से लेकर अब तक वाहन मालिकों ने हर वह दरवाजा खटखटाया जहां से उन्हें भुगतान मिलने या मदद की उम्मीद थी, लेकिन अब उनके उम्मीद का दिया भी बुझता नजर आ रहा है।
इन वाहनों को किया था तैनात
एसडीएम कार्यालय जैतहरी के द्वारा 20 मार्च को जारी आदेश पत्र क्रमांक 246 के माध्यम से कलेक्टर को पत्र भेजकर भुगतान करने की अनुशंसा की गई थी, इस पत्र में एसडीएम ने स्पष्ट उल्लेख किया था कि वाहन मालिक अजीत कुमार गुप्ता निवासी वार्ड नंबर 10 जैतहरी की स्कार्पियो क्रमांक एमपी 65 टी 0290, गोबरी निवासी बाबूलाल राठौर की बुलेरो क्रमांक एमपी 65 सी 2803 तथा जैतहरी के ही भारत सिंह पाटले की बुलेरो क्रमांक एमपी 65 टी 1076 को पेट्रोलिंग में कानून व्यवस्था बनाये रखने किये लगाया गया था, पत्र के साथ तीनों वाहनों के लॉकबुक, रोजनामचें की दो-दो प्रतियां अधिग्रहण आदेश के साथ ही भुगतान के लिए बैंक पासबुक की छायाप्रति तक संलग्न की गई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
दर-दर भटक रहे वाहन मालिक
वाहन मालिकों का कहना है कि उन्होंने शासन के आदेशों का पालन करते हुए पूर्व में ली गई वाहन की बुकिंग स्थगित कर उसे शासन को सौंप दिया, लेकिन अब भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसके लिए एसडीएम कार्यालय के साथ ही स्थानीय पुलिस थाने में भी उन्होंने कई आवेदन दिये, बीते दिनों पुराने आवेदनों व दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ कलेक्टर का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन अभी तक भुगतान न तो हुआ है और न ही कहीं से उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
रूकी किश्तें, रोजी-रोटी की समस्या
प्रशासन से जुड़े सूत्रों की माने तो उक्त कार्य के लिए शासन द्वारा बजट का आवंटन होता है, संभवत: अन्य विकास खण्डों में इस तरह के हुए कार्याे के भुगतान भी हो गये, लेकिन जैतहरी में भुगतान किस कारण रूका हुआ है, यह समझ से परे है, वाहन मालिकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल के कारण वैसे ही वाहन खड़े हैं, किश्ते तक कर्जा लेकर चुकानी पड़ रही है, ऊपर से कर्मचारियों का वेतन व खुद का परिवार चलाना मुश्किल हो पड़ा है, ऐसी स्थिति में बिना किसी कारण अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
इनका कहना है
पोटोकॉल से पता करना पडेगा, हम देख लेंगे।
कमलेश पुरी, एसडीएम अनूपपुर

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