प्रह्लाद जी की अदम्य भक्ति सिखाती है-मानव जीवन का सार है भगवान की उपासना
शहडोल। नगर के बुढार रोड स्थित डी-सदन मैरिज गार्डन परिसर में जारी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन की कथा में चित्रकूट की पावन भूमि से पधारे श्री श्री 1008 स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज ने भक्त प्रह्लाद जी की अद्भुत भक्ति और भगवान नरसिंह अवतार का अत्यंत मार्मिक प्रसंग सुनाया।कथा का संकल्प सेवानिवृत व्याख्याता चंद्रशेखर वर्मा ने लिया है। इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव ने कहा कि प्रह्लाद जी की भक्ति हम सबको यह सिखाती है कि मानव जीवन पाकर यदि भगवान की भक्ति नहीं की, तो यह देह व्यर्थ है। भगवान का भजन ही मनुष्य जीवन का परम उद्देश्य है। चाहे संसार में कितना भी बड़ा संकट आए, ईश्वर की आराधना कभी बंद नहीं करनी चाहिए।
गुरुदेव ने कहा कि दृढ़ विश्वास और अटल श्रद्धा से जब भक्त कष्टों को सहकर भगवान में एकाग्र होता है, तब भगवान स्वयं अपने भक्त की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं। यह सत्य भगवान नरसिंह के प्रकट होने और प्रह्लाद जी को गोद में लेकर आशीर्वाद देने की लीला में स्पष्ट झलकता है।
कथा पंडाल में भगवान नरसिंह और भक्त प्रह्लाद जी की जीवंत झांकी ने श्रद्धालुओं को भक्ति और भाव के सागर में डुबो दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे और हरिनाम संकीर्तन से वातावरण गूंज उठा।
श्रीमद् भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक आयोजित की जा रही है। आयोजकों ने समस्त श्रद्धालुओं से अधिकाधिक संख्या में पहुंचकर कथा श्रवण करने और पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।