निजीकरण के विरोध में जनता यूनियन सौंपेगी ज्ञापन

ज्ञापन के बाद भी पीछे नही हटी सरकार तो होगा वृहद आंदोलन
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कर्मचारी जनता यूनियन की बैठक संपन्न
अनूपपुर। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया जा रहा इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2020 के विरोध मे मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कर्मचारी जनता यूनियन उतर चुकी है। स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट के विरोध के लिए पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत कोतमा रोड स्थित सब स्टेशन मे 3 अक्टूबर की दोपहर 3 बजे जिला स्तरीय तैयारी बैठक आयोजित की गई। जहां प्रांतीय कार्यवाहक अध्यक्ष केडी द्विवेदी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे, वही कार्यक्रम मे यूनियन के प्रांतीय सचिव जेपीएन शर्मा ने भी उपस्थिति दी। उक्त बैठक मे जिले भर के सभी विद्युत कर्मचारियों तथा यूनियन के पदाधिकारियों, सदस्यों ने एक स्वर मे स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट का विरोध किया तथा किसी भी हालत मे उक्त बिल के पास न होने देने की बात कही।
पडेगा निजीकरण का बुरा असर

बैठक मे प्रांतीय कार्यवाहक अध्यक्ष केडी द्विवेदी ने कहा कि सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण की दिशा में बढ रही है। इससे कर्मचारी तो प्रभावित होंगे ही, उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली महंगी हो जाएगी। मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में बिजली वितरण को निजी हाथों में सौंपा जा ्नरहा है। इसका सबसे बुरा असर किसान और गरीब उपभोक्ताओं पर पडेगा। निजी कंपनियां सिर्फ मुनाफे के लिए काम करेंगी। ऐसे में जिन उपभोक्ताओं की भुगतान क्षमता नहीं होगी, उन्हें सेवाएं भी नहीं मिल सकेंगी।
लाया जाएगा विरोध आंदोलन
यूनियन के प्रांतीय सचिव जेपीएन शर्मा ने कहा कि मप्र जैसे राज्यों में जहां किसानों को अभी रियायती दरों पर बिजली दी जाती है, गरीबों के लिए कम खपत पर सब्सिडी दी जाती है, ऐसी सरकारी योजनाएं निजीकरण के साथ ही खत्म हो जाएंगी। इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल वापस नहीं लिया गया और निजीकरण से सरकार कदम पीछे नहीं हटाती है तो आगे विरोध आंदोलन को जनता के बीच भी ले जाया जाएगा।
जरूरत पडी तो उतरेंगे सडकों पर

यूनियन के अनूपपुर शाखाध्यक्ष संतोष रैकवार ने कहा कि केन्द्र शासन द्वारा पूरे देश समेत मध्य प्रदेश मे भी विद्युत वितरण को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा के शासन का यह निर्णय आम जनता के हित में नहीं है। विभाग का निजीकरण होने के बाद आम जनता पर अतिरिक्त भार बढेगा। इसी को लेकर विभागीय कर्मी पूरी तरह लामबंद हो गए हैं। इस निर्णय का हम जमकर विरोध करेंगे तथा अगर जरूरत पडी तो सडकों पर उतर कर भी इसका विरोध होगा। उन्होंने बताया है कि संघर्ष कार्यक्रम को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है।
5 अक्टूबर को अधीक्षण अभियंता को सौंपेंगे ज्ञापन
तैयारी बैठक मे यूनियन ने 5 अक्टूबर को विद्युत के निजीकरण के विरोध मे अनूपपुर अधीक्षण अभियंता के माध्यम से केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री समेत प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जायेगा। यदि उक्त ज्ञापन के बाद भी सरकार निजीकरण के पीछे नही हटती है तो आने वाले दिनों मे निजीकरण के खिलाफ वृहद स्तर पर आंदोलन व धरना प्रदर्शन किया जायेगा। इसके लिए विद्युतकर्मी ब्लैक आउट, काम बंद समेत कई कठिन निर्णय ले सकते हैं।