राहुल गांधी का सख्त संदेश बेअसर, जिला कांग्रेस में बिखराव बरकरार
(जय प्रकाश शर्मा)उमरिया। जिले में कांग्रेस संगठन की आपसी गुटबाजी लगातार गहराती जा रही है। यही कारण है कि पिछले 25 वर्षों से दोनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। आपसी खींचतान और महत्वाकांक्षा की राजनीति खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही।
नवनियुक्त जिला अध्यक्ष इंजीनियर विजय कोल द्वारा “वोट चोर गद्दी छोड़ो” हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने हेतु शुक्रवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में आवश्यक बैठक बुलाई गई थी। बैठक की सूचना सोशल मीडिया और पत्राचार दोनों माध्यमों से पहले ही जारी की गई थी। इसमें जिले के सभी वरिष्ठ नेता, नगर पालिका अध्यक्ष, पार्षद, पूर्व पार्षद प्रत्याशी और विभिन्न मोर्चा–प्रकोष्ठों के नेताओं को उपस्थित होना अनिवार्य बताया गया था। लेकिन, स्पष्ट सूचना के बावजूद न तो वरिष्ठ नेता पहुंचे और न ही नगर पालिका उमरिया के किसी भी पार्षद ने बैठक में हिस्सा लेना उचित समझा।
गौरतलब है कि चार दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जिले के दौरे पर आए थे। उन्होंने संगठन में एकजुटता का संदेश देने के लिए वरिष्ठ नेताओं के घर जाकर चाय भी पी थी। बावजूद इसके जिला स्तरीय कार्यक्रमों से वरिष्ठ नेताओं की दूरी ने भाजपा नेताओं को तंज कसने का मौका दे दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि “कांग्रेस में अनुशासन और समन्वय की कोई जगह नहीं है, बल्कि गुटबाजी ही उनकी पहचान बन चुकी है।”
यह पहला मौका नहीं है। अतीत में भी जब अजय सिंह को हटाकर शारदा प्रसाद गौतम को जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था, तब अजय सिंह गुट ने जिला निगरानी समिति के सहारे समानांतर संगठन चलाया था। इस बार भी वही स्थिति बनती दिख रही है। जबकि राहुल गांधी का साफ संदेश है कि “कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, यदि वह जिला कांग्रेस के साथ नहीं है, तो संगठन में उसकी कोई जगह नहीं होगी।”
इसके बावजूद उमरिया में हालात जस के तस हैं। कांग्रेस की नगर परिषद होने के बावजूद न तो अध्यक्ष और न ही उनकी परिषद के सदस्य लगातार बैठकों में शामिल हो रहे हैं। इससे साफ संकेत मिलता है कि वे राहुल गांधी के निर्णय से सहमत नहीं हैं।
अब देखना यह होगा कि इंजीनियर विजय कोल जिले में बिखरे हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच समन्वय स्थापित कर संगठन को मजबूत करने में सफल होते हैं या नहीं।