भाईदूज पर 16 दिन बाद गुमी बहन से हुआ मिलन, अस्पताल ने परिजनों को सौंपा

अनूपपुर, 04 नवंबर (सूरज श्रीवास्तव) – जिला अस्पताल अनूपपुर में पिछले एक सप्ताह से रह रही मानसिक रूप से अस्वस्थ 33 वर्षीय महिला को पुलिस, अस्पताल प्रबंधन, और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से परिजनों तक पहुंचाया गया। भाईदूज के दिन, 3 नवंबर को महिला को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया, जिससे दोनों भाइयों समेत पूरे परिवार में खुशी का माहौल रहा।
शहडोल निवासी सबाना बेगम, वार्ड क्रमांक 11 इतवारी मोहल्ला की निवासी, 18 अक्टूबर को बिना बताए घर से चली गई थी। परिजनों ने अनूपपुर, शहडोल, कटनी, और जबलपुर तक उसकी खोजबीन की। एक सप्ताह पहले, कुछ अज्ञात लोग सबाना को अनूपपुर जिला अस्पताल में छोड़ गए, जहाँ उसका देखभाल अस्पताल प्रशासन द्वारा किया जा रहा था। अस्पताल के सिविल सर्जन ने महिला की सुरक्षा की जानकारी पुलिस को दी थी।
3 नवंबर की सुबह, नर्सिंग ऑफिसर आशीष जेम्पस ने रेलवे स्टेशन पर एक गुमशुदगी का पोस्टर देखा और पाया कि पोस्टर में महिला की तस्वीर अस्पताल में रह रही महिला से मेल खाती है। उन्होंने पुलिस और अन्य कर्मचारियों की मदद से परिजनों से संपर्क किया। पहचान की पुष्टि के बाद सबाना बेगम के भाई मोहम्मद रमजान, मोहम्मद फिरोज, और रुखसार बेगम अनूपपुर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल पुलिसचौकी ने सबाना को परिवार को सौंप दिया।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.सी. राय के निर्देश पर भाईदूज के इस विशेष अवसर पर सबाना को शासकीय वाहन से शहडोल स्थित पैतृक घर भेजा गया। बहन से मिलकर दोनों भाई और परिवार के अन्य सदस्य भावुक और खुश हुए। परिजनों ने सभी सहयोगियों का धन्यवाद व्यक्त किया।
इस खोजबीन और देखभाल में अनूपपुर जिला अस्पताल पुलिस चौकी प्रभारी हरपाल सिंह परस्ते, आरक्षक कमलेश प्रसाद, आशीष तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता शशिधर अग्रवाल, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर नीना खेस, नर्सिंग ऑफिसर आशीष जेम्पस, दौलत कुमार दाहिया सहित अन्य कई लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।