संस्कृत भारती का प्रशिक्षण वर्ग अपने अंतिम चरण में – परमानंद संस्कृत विद्यालय, गोरखपुर (गौरेला) में आठवां दिन संपन्न

जीपीएम – परमानंद संस्कृत विद्यालय, गोरखपुर (गौरेला) में संस्कृत भारती द्वारा संचालित 7 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण वर्ग का आज छठवाँ दिन श्रद्धा, अनुशासन और प्रेरणा के साथ संपन्न हुआ। पूरे छत्तीसगढ़ प्रांत से आए 77 युवक, युवतियां , व्यवसायी एवं गृहिणी इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं, जिनमें संस्कृत भाषा के गहन अध्ययन के साथ भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जा रही है।
आज के कार्यक्रम में विशेष अतिथि रहे कैलाश बिहारी जी (संचालक – पाणिनि IAS कोचिंग संस्थान दिल्ली) जिनका इस कार्यक्रम में स्वागत करते हुए गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर आज के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। दीप प्रज्ज्वलन में नारायण साहू मुख्य नगरपालिका अधिकारी गौरेला , हेमंत साहू संगठन मंत्री संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ तथा वर्गाधिकारी मनीराम कौशिक व समस्त प्रशिक्षक बन्धु भगिनी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में कैलाश बिहारी जी ने कहा,
“संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, अपितु भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह विज्ञान, दर्शन, काव्य, और व्यवहार की भाषा है, जिसे समझकर हम अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ सकते हैं और भविष्य को समृद्ध बना सकते हैं।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संस्कृत को केवल अध्ययन तक सीमित न रखें, बल्कि अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
कार्यक्रम में संस्कृत भारती के वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षकगण, एवं स्थानीय स्वयंसेवक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। शिविर में प्रतिदिन विविध सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें –
संस्कृत वार्तालाप (संवाद)
सरल व्याकरण
श्लोक एवं स्तोत्र पाठ
सांस्कृतिक गतिविधियाँ
प्रेरणादायक व्याख्यान शामिल हैं।