शासकीय स्तर पर मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व,राज्य सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं

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शासकीय स्तर पर मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व,राज्य सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं
कटनी।। मध्य प्रदेश में अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व शासकीय स्तर से मनाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। एमपी सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के मुताबिक, मंदिरों में साफ सफाई की व्यवस्थाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।पंचांग के अनुसार इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. जन्माष्टमी को देखते हुए कृष्ण मंदिरों में इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश शासन की मंशानुरूप जिले में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाए। शेर चौक राधा कृष्ण मंदिर, खिरहनी फाटक स्थिति सत्यनारायण मंदिर,सिल्वर टॉकीज रोड़ स्थिति राधा कृष्ण जी का मंदिर सहित भगवान कृष्ण के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जन्माष्टमी पर्व भव्य रूप में आयोजित करने की तैयारिया चल रही है। बता दें की, कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व हिंदू धर्म में बेहद खास है. शास्त्रों की मानें तो भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टिमी तिथि को भगवान कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था. वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं. इसी वजह से कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूम-धाम से मनाते हैं.प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश की प्रतियां सौंप दी गई हैं। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद इसे अमल में लाया जा रहा है।

जन्माष्टमी पर्व को आयोजन के संदर्भ में दिये गये निर्देशों के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें
1. प्रत्येक जिले में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों की साफ-सफाई कार्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये।
2. भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग तथा जीवन दर्शन पर आधारित विभिन्न विषयों पर विद्वानों के माध्यम से सभी शासकीय / अशासकीय स्कूल / कॉलेज में व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयाजित कराये जावें।
3. प्रदेश के ऐसे स्थल जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में जुडे विशेष प्रसंग रहे हैं जैसे कि जानापावा (देवास), अमझेरा (धार), नारायणा एवं संदीपनी आश्रम (उज्जैन) में प्रसंगो के अनुकूल जन्माष्टमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जावें।
4. शास्त्र सम्मत मंदिर निर्माण के स्थापत्य एवं उनकी विशिष्टयों को इन अवसरों पर प्रचारित प्रसारित किया जावे।
5. हमारे गौरवशाली इतिहास के प्रसंगो / कथानकों/ आख्यानों से सभी वर्गों को अवगत कराने हेतु समुचित कार्यवाही की जावे।
6. जन्माष्टमी के अवसर पर सभी शासकीय/अशासकीय विद्यालयों / महाविद्यालयों में भारतीय विशिष्ट परंपराओं, योग आदि पर व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यकम आयोजित किये जावे।

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