“हाईवे पर थप्पड़ का ट्रैफिक ब्रेक” आरटीओ की ज्यादती से नाराज ट्रक चालकों ने लगाया जाम,

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“हाईवे पर थप्पड़ का ट्रैफिक ब्रेक”
आरटीओ की ज्यादती से नाराज ट्रक चालकों ने लगाया जाम,
कटनी। जबलपुर-रीवा नेशनल हाईवे 30 बुधवार को अचानक जाम की गिरफ्त में आ गया। वजह थी–आरटीओ अधिकारी द्वारा एक ट्रक चालक को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारना। गुलवारा–द्वारा क्षेत्र में हुए इस घटनाक्रम ने न सिर्फ परिवहन व्यवस्था को ठप किया, बल्कि आरटीओ विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अवैध वसूली और मारपीट का आरोप
जानकारी के अनुसार, उमरिया के नरोजाबाद निवासी ट्रक चालक प्रदीप रजक से आरटीओ संतोष पाल और उनके अमले द्वारा ₹5000 की मांग की गई। चालक ने जब अपने दस्तावेज दिखाकर पैसे देने से इनकार किया तो आरटीओ संतोष पाल नाराज हो गए और उन्होंने सार्वजनिक रूप से उसे थप्पड़ जड़ दिया। इससे आक्रोशित चालक ने ट्रक को सड़क के बीचोंबीच खड़ा कर दिया और हंगामा शुरू कर दिया।
इस विरोध में अन्य ट्रक चालक भी शामिल हो गए और देखते ही देखते दोनों ओर भीषण जाम लग गया। यह स्थिति करीब तीन घंटे तक बनी रही। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सूचना मिलते ही कुठला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने की कोशिश की। काफी समझाइश के बाद और आरटीओ संतोष पाल द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के बाद जाम हटाया जा सका।

हादसों की संभावना, फिर भी जारी है अवैध चेकिंग
स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों और चालकों का कहना है कि बाईपास पर आरटीओ की चेकिंग रोजाना होती है और यह पूरी तरह अवैध वसूली का अड्डा बन चुका है। बीते दिनों में यहां कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें आरटीओ की वजह से ट्रक चालकों ने बाइक सवारों को टक्कर तक मार दी। इतना सब होने के बावजूद विभाग पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

सिस्टम पर सवाल, जिम्मेदार कौन?
पिछले दिनों आरटीओ विभाग की अवैध वसूली से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था, लेकिन न तो विभागीय जांच शुरू हुई और न ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई। अब जब थप्पड़ जैसी घटना सामने आई है, तो सवाल उठता है कि क्या चुप रहकर ये सब सहना आम नागरिक और चालक की मजबूरी बन चुकी है?

👉 प्रमुख बिंदु:
ट्रक चालक को थप्पड़ मारने पर तीन घंटे हाईवे पर यातायात अवरुद्ध
आरटीओ पर ₹5000 की अवैध वसूली का आरोप
समझाइश और माफी के बाद हटाया गया जाम
आए दिन की चेकिंग से परेशान वाहन चालक, हादसों की आशंका
विभाग पर पहले भी वायरल हो चुके हैं गंभीर आरोप

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