तो श्रमिक की मौत के बाद डैमेज कंट्रोल में लगे जीएम! उग्र आंदोलन की सुगबुगाहट हुई तेज  मृतक मोइनुद्दीन के परिवार सहित श्रमिकों ने लगाये थे जीएम पर प्रताडऩा के आरोप 

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Girish Rathor

शारदा खुली खदान में कार्य कर रहे श्रमिक ने मौत से पहले एवं श्रमिक के परिजनों ने जीएम पर गंभीर आरोप लगाये, 61 मजदूर रोजी-रोटी को मजबूर हैं, दो दर्जन से अधिक श्रमिक आंदोलनरत है, एक ओर स्थानीय प्रशासन श्रमिकों की फरियाद नहीं सुन रहा है, वहीं दूसरी ओर श्रमिक की प्रताडऩा से हुई मौत के बाद जीएम डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं।

 

शहडोल/ साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड अंतर्गत जिले के धनपुरी व बकहो सहित इससे सटे क्षेत्रों में सोहागपुर एरिया अंतर्गत संचालित शारदा खुली खदान में लाँगवाल पद्धति से कोयले का उत्खनन हो रहा है, महादेव टैक्सिंग प्राइवेट लिमिटेड जिसका बाद में नाम बदलकर मेंनसोल प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया, यहां कर्मचारी तो वही थे , लेकिन कंपनी का नाम बदल दिया गया, इसके पीछे क्या कारण है यह तो कंपनी और कोल प्रबंधन के तथाकथित जिम्मेदार ही जाने जिन्होंने उसी कंपनी को किन कारणों से सिर्फ नाम बदलकर वही काम सौंप दिया, लेकिन इन सबके बीच करीब एक दशक से अधिक समय से कंपनी में काम कर रहे दर्जनों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया, पूर्व से ही उन्हें ऑन रिकार्ड और ऑफ रिकार्ड अलग-अलग वेतन देने की शिकायतें आती रही हैं, इतना ही नहीं शोषण के कारण पूर्व में यहां का एक श्रमिक मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुका है साथ ही एक व्यक्ति पूर्व में भी आत्महत्या की है, मोइनुद्दीन के मौत के बाद यह मामला सतह पर आया।

जीएम पर लगे प्रताडऩा के आरोप

शारदा ओपन कास्ट माइंस में ओबी तथा कोयला उत्खनन का कार्य वर्तमान में मेनसोल प्राइवेट लिमिटेड नाम पर कोल प्रबंधन आवंटित किया गया है, बीते 4 महीनों के दौरान कंपनी का काम लगभग बंद था, लेकिन एक दशक से अधिक समय से यहां कार्य कर रहे कर्मचारियों को कंपनी ने इस दौरान पूरी तरह से काम से बाहर कर दिया, इस वजह से दर्जनों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया, दूसरी बार बीते माह जब कंपनी का काम दोबारा शुरू हुआ तो, नए नाम के साथ राम उजागर पांडे को जीएम बनाया गया और उन्होंने पूर्व से कार्य कर रहे कर्मचारियों की छटनी शुरू कर दी, कुछ काम पेटी में दे दिया, दो दर्जन से अधिक लोग रोजी रोटी के संकट के चलते धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन को श्रमिकों की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।

मजदूरों का हो रहा शोषण

मेनसोल प्राइवेट लिमिटेड के वर्तमान जीएम पर आरोप है कि राम उजागर पाण्डेय ने अपने कार्यकाल के दौरान श्रमिकों के पेट पर सीधे वार किया है, लगभग 61 श्रमिकों को कार्य से बाहर कर दिया, बीते 7 मार्च को रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे अनूपपुर जिले के बरगवां निवासी एक श्रमिक मोइनुद्दीन ने फांसी के फंदे पर झूलकर ईहलीला समाप्त कर ली, मृतक के परिजन सहित अन्य साथी लोगों ने जीएम राम उजागर पांडे पर प्रताडऩा के आरोप लगाये, लेकिन अब जीएम पूरे मामले में डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं, अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच हुई तो, जीएम राम उजागर पाण्डेय द्वारा मजूदरों का किया जा रहा शोषण उजागर हो सकता है।

आंदोलन की चेतावनी

मोइनुद्दीन ही नहीं बल्कि 5 दर्जन के आस-पास कर्मचारी जो बीते एक दशक से अधिक समय से पहले महाकोल टेक्ंिसग प्राइवेट लिमिटेड और बाद में मेलसोल के कर्मचारी होने थे, उन्हें कंपनी ने बाहर कर दिया है, वहीं कंपनी के कुछ दलाल भी इस कार्य में लगे हुए हैं, जो उन्हें वापस इस काम को दिलाने के लिए रुपयों की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं जो व्यक्ति पूर्व में काम कर रहे थे, उन्हें कोल प्रबंधन की शर्तों के तहत जो वेतन दिया जा रहा था, वह ऑन रिकार्ड कुछ था और ऑफ रिकार्ड अलग ही वेतन दिया जाता था, आरोप है कि राम उजागर पाण्डेय द्वारा श्रमिकों को बाहर करने के बाद यहां वसूली का खेल भी खेल-खेला जा रहा है, इसके साथ जिसको काम दिया जाता है, उससे वसूली भी दलालों के माध्यम से कराई जा रही है। हालाकि मोइनुद्दीन की मौत के मामले में चचाई पुलिस का कहना है कि विस्तृत जांच की जा रही है, चर्चा है कि अगर जीएम के विरूद्ध जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो, उग्र आंदोलन के लिए प्रबंधन तैयार रहे।

इनका कहना है…

प्रताडऩा के आरोप लगाये गये हैं, यह सही है, विस्तृत जांच हो रही है, जल्द ही पूरा मामला साफ हो जायेगा।

बी.एन. प्रजापति

थाना प्रभारी, चचाई

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