..तो किरणताल में शोषित बैगाओं को शिव लौटायेंगे उनका राज

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(डी.डी.वासवानी)
उमरिया। मुख्यमंत्री आज दूसरे दिन जिले के प्रवास पर हैं, डगडऊआ में जनजातीय सम्मेलन में श्री सिंह अपना संबोधन देंगे, पास ही किरणताल नाम ग्राम में भी मुख्यमंत्री के जाने की संभावना बनी हुई है, गौरतलब है कि पटवारी द्वारा बैगाओं को दिये गये फर्जी ऋण पुस्तिका के मामले ने बीते दिनों तूल पकड़ा था, किरणताल की गूंज राजधानी तक पहुंची थी। मुख्यमंत्री के किरणताल जाने की अटकलों ने शोषित बैगाओं के लिए आशा की किरण जगा दी है। अभी यह कहना मुश्किल है कि मुख्यमंत्री किरणताल जायेगें और वहां बैगाओं की समस्याओं का निराकरण होगा।
यह है मामला
जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर किरनताल गांव भैंसादादर के बैगाओं के साथ 20 वर्ष पूर्व तात्कालीन अफसरों ने उनके साथ पट्टा वितरण के नाम पर धोखाधड़ी की, बांटे गए भू-अधिकार पट्टा में दर्ज खसरा पर अपना अधिकार बहान करने की मांग बैगाओं द्वारा मुख्यमंत्री से की जायेगी। 11 नवम्बर को सैकड़ों की संख्या में भैंसादादर के बैगा परिवार कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, उक्त खसरे में आज तक वह नंबर शासकीय दर्ज है, जबकि वे लोग तीन पीढिय़ों से अपना पट्टा पाकर खेती किसानी कर रहे हैं, हाल ही में गांव के लोगों को इस धोखाधड़ी का पता चला था।
ली थी 1300 की रिश्वत
वर्ष 2001-02 में बैगाओं को ऋण पुस्तिका दी गई थी, तात्कालीन पटवारी व तहसीलदार ने गांव के 60 लोगों से पट्टे के बदले 1300 रूपये रिश्वत भी ली थी, इस दौरान पटवारी ने दस्तखत कराने के नाम से 36 लोगों की ऋण पुस्तिका वापस भी ले ली थी, फिर दोबाना नहीं दी गई, जबकि उसमें बकायदा खसरा नंबर जारी कर रकबा भी निर्धारित किया गया था।

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