परमपिता ब्रह्मा देव ने ही तय की है भगवान श्री राम की प्राणप्रतिष्ठा के दिन और दिनांक और जो काम भगवान को पता होता है वह अवश्य होकर रहता है-पीठाधीश्वर पं. ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी राहुल बाग समीप गौशाला में श्रीमद भागवत कथा में भव्य आयोजन के लिय पत्रकारों से की वार्तालाप

0

परमपिता ब्रह्मा देव ने ही तय की है भगवान श्री राम की प्राणप्रतिष्ठा के दिन और दिनांक और जो काम भगवान को पता होता है वह अवश्य होकर रहता है-पीठाधीश्वर पं. ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी
राहुल बाग समीप गौशाला में श्रीमद भागवत कथा में भव्य आयोजन के लिय पत्रकारों से की वार्तालाप
कटनी ॥ राहुल बाग के समीप स्थित विशाल मैदान में आगामी 2 से 9 फरवरी तक रानीपुर सिद्धपीठ संकटमोचन धाम के पीठाधीश्वर पं. ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी के द्वारा श्रीमद भागवत कथा एवं दिव्य दरबार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। पं.ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज श्रीमद भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करेगे कथा के साथ ही दिव्य दरबार में आए हुए प्रबुध्द जनों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे। उक्त विषय कों लेकर राहुल बाग के समीप गौशाला परिसर में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जहाँ पर पं.ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी ने पत्रकारों से वार्तालाप करतें हुए सभी के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा कों समाप्त किया।
श्री शास्त्री महाराज ने जानकारी देते हुए बताया की कटनी का जो विदित कार्यक्रम है यह बड़ा ही भव्य और वृहद होंने जा रहा है। प्रभु हनुमान जी महाराज प्रतिदिन चमत्कार दिखा रहे हैं. जिस दिन संकल्प हुआ कि कार्यक्रम वृहद होगा तब मन कह रहा था की उक्त आयोजन बड़ा ही वृहद होंगा और वहीं हो रहा है।

जो भगवान राम का नहीं वह किसी काम का नहीं

आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रही भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में पं.ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी ने जवाब देते हुए कहाँ की जो भगवान राम का नहीं वह किसी काम का नहीं। उन्होंने चारों पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी के द्वारा भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में कहीं गई टिप्प्णी के विषय पर अपनी शालीनता भरे जवाब से परिचय देते हुए कहाँ की वे किसी का अनादर नहीं करतें है। श्री शास्त्री जी ने कहाँ कि वे शंकराचार्य जी की टिप्पणियों का खंडन नहीं करते,वे सनातन का खंडन नहीं करतें लेकिन श्री चारों पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी के द्वारा यदि भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे तो वह गलत है।उन्हें जाना चाहियॆ।

सब कुछ भगवान के अनुरूप हो रहा है
अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की दिनांक और दिन को लेकर रानीपुर सिद्धपीठ संकटमोचन धाम के पीठाधीश्वर पं. ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी ने कहाँ कि सब कुछ भगवान के अनुरूप है।सब कुछ राम जी की कृपा के अनुरूप है। भगवान श्री राम जी को यही दिन और दिनांक पसंद है और ब्रह्मा जी के द्वारा ही लिखा गया है। जो दिन 500 वर्षों के बाद आया है. वह भगवान श्री राम को पता था और और जो काम प्रभु को पता होता है वह जरूर होता है। और संतों को देखने मात्र से ही प्रसन्नता होती है।
समझाया सनातन और हिन्दू का अर्थ
पण्डित श्री शास्त्री ने पत्रकारों के सवालों में हिंदू और सनातन का अर्थ समझाते हुए बताया कि सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो। जिन बातों का शाश्वत महत्व हो वही सनातन कही गई है। जैसे सत्य सनातन है। ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है, मोक्ष ही सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म ही सनातन धर्म भी सत्य है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गर्भ में बालक जन्म लेता है और जब जन्म से लेकर बड़ा होता है तब आप जिस प्रकार की दृष्टिकोण से बालक को रखते हैं वह उसी प्रकार से बढ़ता है। उसी प्रकार जब बालक बढ़ता है तों तो हमारे वेद पुराण उसके लिए खुलते हैं और हम उनका अध्यापन करवाते हैं. तब उसके अंदर सनातन जागता है. तब वह मंदिर जाकर दीपक रखने का काम करता है। और जब उसने मंदिर जाकर दीपक रखा तों उसका सनातन जागा और सनातन जागा तो उसकी अंदर का हिंदू जागा तब उसने मंदिर में दीपक रखा। एकनिष्ठता, ध्यान, मौन और तप सहित यम-नियम के अभ्यास और जागरण का मोक्ष मार्ग है अन्य कोई मोक्ष का मार्ग नहीं है। मोक्ष से ही आत्मज्ञान और ईश्वर का ज्ञान होता है। यही सनातन धर्म का सत्य है।
संकटमोचनधाम की महानकृपा से रानीपुर सिद्धपीठ संकटमोचन धाम के पीठाधीश्वर पं. ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज जी के अदभुत चमत्कार से समस्त देवतुल्य कटनी वासियों के लिये यह प्रथम ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन होगा। उक्त वार्ता में श्रीमद भागवत कथा के आयोजन समिति एवं शिष्यमंडल के साथ प्रवीण बजाज संजीव सूरी की उपस्थिति रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed