रेत के खेल से प्रशासन ने खुद को अलग किया अलग

0

रेत के खेल से प्रशासन ने खुद को अलग किया अलग

कटनी। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से निकलने वाली पिपही नदी में भोपाल की विस्ता सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कटनी जिले में रेत खनन का ठेका खनिज विकास निगम के माध्यम से आवंटित किया गया है। अनुबंध के बाद से ही कथित कंपनी ने एनजीटी के निर्देश और सिया के आदेशों की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पूरे देश भर में मानसून सीजन में नदी और नालों से रेत निकालने पर प्रतिबंध रहता है, लेकिन  यहां मानसून से लेकर अब तक रेत का उत्खनन विशालकाय मशीनों को नदी में उतार कर किया जा रहा है। जिले से सटा बांधवगढ़ जो कि उमरिया, शहडोल व अनूपपुर जिले में फैला है, वहां से सटे बफर क्षेत्र (इको सेस्टिव जोन) में कटनी के एक सफेद पोश और दो रसूखदारों के सामने अधिकारियों ने घूटने टेक दिये। रोक के बावजूद पिपही नदी में अवैध उत्खनन और परिवहन रूकने का नाम नहीं ले रहा। पुलिस व प्रशासन को हर मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्यवाही को तैयार नहीं।

पोकलेन से हो रहा उत्खनन

पिपही नदी में कथित ठेकेदार ने अपने गुर्गाे के माध्यम से अधिकारी, सफेदपोश व रसूखदारों से संरक्षण के चलते नदी में एक नहीं दो-दो विशालकाय पोकलेन मशीन उतार रखी है, 24 घंटे मशीनों से उत्खनन कराया जाता है और बड़े वाहनों को नदी में उतार कर परिवहन कराया जा रहा है। नदी के अस्तित्व को मिटाने के साथ ही पर्यावरण पर भी घातक परिणाम पड़ रहे हैं, वहीं जलीय जीव जन्तु की हत्या तो, कथित ठेकेदार द्वारा की जा रही है, वहीं वन्य जीवों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पोकलेन मशीन से कैसे हो रहा उत्खनन इस वीडियो में देखा जा सकता हैं।

खनिज अधिकारी ने बेच दी नदियां

दुनिया भर में अपने प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवों के लिए मशहूर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से सटे बरही वन परिक्षेत्र के जाजागढ़, बिसपुरा सहित अन्य क्षेत्रों में रेत का अवैध कारोबार वन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण पर संचालित हो रहा है, वहीं ठेका कंपनी को कटनी जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी संतोष सिंह का भी खुला संरक्षण है, जिसका नतीजा यह है कि कथित कंपनी खुलेआम अवैध उत्खनन और परिवहन का कारोबार करने में जुटी हुई है, बदस्तूर रेत का गोरखधंधा संचालित किया जा रहा है और राष्ट्रीय धरोहर को निस्तोनाबूत करने का काम विस्ता कंपनी के द्वारा किया जा रहा है।

10 के नोट में होता है खेल

बताया गया है कि बिना ईटीपी के रेत के वाहन आस-पास के क्षेत्र ही नहीं सतना, पन्ना, रीवा सहित उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाते हैं, जिसके लिए कंपनी के कारिंदों के द्वारा रास्तों में पुलिस या कोई अधिकारी वाहन न रोके इसके लिए 10 के नोट का उपयोग किया जा रहा है, नोट दिखाने के बाद अधिकारी वाहनों को हरी झण्डी दे देते हैं, बिसपुरा बीट में पदस्थ बीटगार्ड के संरक्षण में पूरा खेल-खेला जा रहा है, सूत्र यह भी बताते हैं कि कंपनी ने कटनी में अपनी हिस्सेदारी 40 से लेकर 20 प्रतिशत तक में सफेदपोश और रसूखदारों को दे रखी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed