अध्यक्ष ने जिला पंचायत को बना दिया पंसारी की दुकान : अंजू

पत्रकार वार्ता में सदस्य ने लगाया आरोप, ज्ञापन की दी चेतावनी
शहडोल। जिला पंचायत का गठन हुए लगभग 6 माह बीत गए हैं, लेकिन इस अवधि में कार्यकारिणी और समितियो के गठन के अलावा न कोई बैठक हुई और न कार्य हुआ। जिला पंचायत सदस्यों द्वारा पूर्व में दिए गए ज्ञापन पर भी जिला पंचायत अध्यक्ष को कोई फर्क नहीं पड़ा। जिला पंचायत की मीटिंग नहंी कराए जाने का कारण सीइओ पूर्व मे बताते थे कि अध्यक्ष घरेलू कार्य में व्यस्त हैं और अब अपरिहार्य कारण बता रहे हैं। जो कि दुखद और निंदनीय है। इस आशय के विचार एक पत्रकार वार्ता का आयोजन कर जिला पंचायत सदस्य अंजू गौतम (रैदास) ने व्यक्त किए। उन्होने कहा कि जिला पंचायत को दुकान समझकर मनमाने ढंग से खोलने या बंद करने जैसा संचालित करना है, मनमानी मीटिंग बुलाना अथवा रद्द करना है तो 1 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा जाएगा कि जिला पंचायत जैसी वैधानिक संस्था को शर्मशार न करें। उसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप संचालित किया जाए। अंजू गौतम ने जानकारी दी कि पंचायत स्तर पर निर्मित किसी भी शासकीय स्कूल के शौचालय वर्षों से साफ नहीं कराए गए हैं। क्योंकि वहां कोई सफाई कर्मचारी पदांकित नहीं है। क्या यह कार्य शिक्षक अथवा बच्चों को ही करना होगा? इन विद्यालयों में पढऩे वाले शत प्रतिशत बच्चे दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग तथा गरीब तबके के हैं। स्कूलों में न तो साफ सफाई की समुचित व्यवस्था है और न पानी के माकूल इंतजाम हैं। लेकिन स्कूलों की हालत से शायद किसी का कोई सरोकार नहीं रह गया है।
पत्रकार वार्ता में आरोपित किया गया कि पंचायत स्तर पर संचालित राशन दूकानों में हर माह राशन तो आता है लेकिन दबंग लोगों को छोडक़र लगभग 80 फीसदी ग्राम पंचायतों में गरीब ग्रामीणों को वंचित रहना पड़ रहा है। पूर्व में कलेक्टर से शिकायत हुई थी लेकिन उसका कोई असर दिखाई नहीं पड़ा। हालात आज भी ज्यों के त्यों हैं। जबकि राशन हर घर की मौलिक आवश्यकता है। यह हम सब जानते हैं। अफसरों का ध्यान अव्यवस्था की ओर आकृष्ट कराए जाने के बावजूद कोई सुधार नहीं होता इससे खेद होता है। इसके अलावा पत्रकार वार्ता में उन्होने कोयला उत्खनन, रेत माफिया, प्र्रधानमंत्री आवास आदि जैसे कई मुद्दों पर प्रकाश डाला।
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