कलेक्टर ने किसानों से कहा मांग के अनुरुप प्रदान की जाएगी उर्वरक सर्वर डाउन की समस्या पर ऑफलाइन की जाएगी बिक्री ज़िले में यूरिया के दो रैक के साथ 2400 मेट्रिक टन यूरिया उर्वरक की हुई पर्याप्त उपलब्धता
कलेक्टर ने किसानों से कहा मांग के अनुरुप प्रदान की जाएगी उर्वरक सर्वर डाउन की समस्या पर ऑफलाइन की जाएगी बिक्री
ज़िले में यूरिया के दो रैक के साथ 2400 मेट्रिक टन यूरिया उर्वरक की हुई पर्याप्त उपलब्धता
कटनी- ज़िले में रबी सीज़न में फसल बुवाईं का काम ज़ोरों पर जारी है। किसानों को माँग और ज़रूरत के अनुसार उर्वरक मुहैया कराने के लिए ज़िले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है । इसी बीच रविवार को ज़िले के लिए यूरिया खाद की एक साथ दो और रैक आ गई है । इससे ज़िले में भरपूर मात्रा में यूरिया की किसानों के लिए उपलब्धता हो गई है ।
कलेक्टर अवि प्रसाद ने किसान भाइयों से कहा है, कि किसानों को मांग के अनुरुप उर्वरक प्रदाय किया जायेगा। जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं।किसान उर्वरकों के संबंध में चिंता नहीं करें और न ही घबरायें। उर्वरकों की आपूर्ति निरंतर होती रहेगी।
जिला विपणन अधिकारी अमित तिवारी ने बताया कि रैक प्वाइंट पर रविवार को पहुंची यूरिया की दो रैक से 2400 मेट्रिक टन यूरिया आई है । इसमें से इफको यूरिया रैक से सरकारी क्षेत्र में एक हजार मैट्रिक टन एवं निजी विक्रेताओं को 500 मेट्रिक टन यूरिया उर्वरक प्रदान की जायेगी । इसी प्रकार चंबल यूरिया रैक से शासकीय क्षेत्र में 650 मेट्रिक टन एवं निजी विक्रेताओं को 250 मेट्रिक टन यूरिया प्रदान की जायेगी ।
उर्वरक की समस्या के निराकरण हेतु कंट्रोल रूम
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर जिले में पहले से ही कंट्रोल रूम बनाया जा चुका है। किसानों को उर्वरक एवं खाद प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा या समस्या होने पर जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के मोबाइल नंबर 9174374736 पर संपर्क कर समाधान प्राप्त कर सकेंगे।
सर्वर डाउन की समस्या पर किसानों को ऑफलाइन की जाएगी उर्वरक की बिक्री
कलेक्टर श्री प्रसाद ने निर्देशित किया है, कि सर्वर डाउन की समस्या होने पर किसानों को ऑफलाइन उर्वरक बिक्री की जाय। कृषकों को ऋण पुस्तिका और आधार कार्ड की मूल प्रति की जानकारी प्रविष्टि करानी होगी । इसके बाद दस्तावेज वापस कर दिए जायेंगे।किसानों से आग्रह किया गया है, कि वे उर्वरकों के संबंध में चिंता नहीं करें और न ही घबरायें। किसानों को पर्याप्त उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।