नियमों की धज्जियां उड़ा रहा कालोनाईजर

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नपा द्वारा बंधक बनाये गये मकानों को बेचा

शहडोल। संभागीय मुख्यालय में आधुनिक स्तर की कालोनी निर्माण व आकर्षक छूट के साथ दर्जनों महानगरीय सुविधाओं का विज्ञापनों में दावा करने वाली श्रीजी प्लाजा कंपनी के फेर में दर्जनों लोग आ गये, इन लोगों ने लाखों रूपये कंपनी में निवेश कर दिये, 5 साल बाद कुछ ही को घर नसीब हो पाया, कुछ ने शिकायत की तो, यह बात सामने आई कि पूरा भू-खण्ड वन भूमि में आ रहा है, यही नहीं विभिन्न शिकायतों में यह बात भी सामने आई कि कंपनी के तथाकथित मालिकों ने कालोनाईजर नियम 1988 की धारा 10 का उल्लंघन किया है। बिना ईडब्ल्यूएस व एलआईजी की पूर्ति किये व विकास कार्य पूर्ण किये बिना ही नपा को बंधक किये गये फ्लैट अनुबंध कर बेंच दिये।
02 वर्ष में बनानी थी कालोनी
कालोनीनाइजर को अनुमति के आधार पर 02 वर्ष के अंदर कालोनी पूर्ण करना था, परन्तु आज तक कालोनी पूर्ण नहीं हुई और अनुमति भी समाप्त हो गई है, जिसका नवीनीकरण भी दुबारा नहीं कराया गया है, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के अंतर्गत पानी सप्लाई हेतु ओव्हरहेड टैंक बनाना था, जो कि आज दिनांक तक नहीं बनाया गया है। कालोनी में करीब 20 से 22 मकानों का आधिपत्य दे दिया है, जिसमें लोग रहने लगे हैं पर आज दिनांक तक घरेलू कचरे के संग्रहण हेतु कंटेनर नहीं रखा गया है। कालोनाइजर के झूठे आवेदन पर 100 प्रतिशत विकास कार्य पूर्ण हो गया है।
अवैधानिक रूप से किया बंधक मुक्त
आरोप है कि नगर पालिका के उपयंत्री देवकुमार गुप्ता की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 12 नग बंधक मकानों को तत्कालीन सीएमओ विद्याशंकर चतुर्वेदी द्वारा अवैधानिक रूप से बंधक मुक्त कर दिया गया, कालोनाइजर एक्ट तथा रेरा के अंतर्गत दिये गये निर्देशों का श्रीजी प्लाजा कालोनाइजर के संचालकों ने अंश भर भी पालन नहीं किया, कालोनाइजर को भूकंप-रोधी तकनीकी से तहत भवन निर्माण के साथ-साथ कमजोर वर्ग हेतु ईडब्ल्यूएस मकान एवं कालोनी निर्माण स्थल पर रोड, नाली, स्ट्रीट लाइट, पेयजल, गार्डन, ट्रांसफार्मर, वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम, अग्निसुरक्षा यंत्र व्यवस्था के तहत कालोनी का निर्माण संपूर्ण करना था, लेकिन बीते इन वर्षाे में यह कार्य पूरे नहीं किये जा सके।
विकास कार्य पूर्ण होने के बाद विक्रय
नगर पालिका द्वारा कालोनाइजर नियम 1988 की धारा 10 के अंतर्गत कमजोर वर्ग के लिए 15 प्रतिशत में से ईडब्ल्यूएस फ्लैट के 05 एवं एलआईजी के 03 फ्लैट आरक्षित रखना होगा एवं नगरपालिका कालोनाइजर नियम 1988 की धारा 13 (2)(1) के तहत फ्लैट का 25 प्रतिशत कालोनी के आंतरिक विकास के कार्य पूर्ण करने को दृष्टिगत रखते हुए फ्लैट क्रमांक 02, 03, 04,07,08,09,15,16,17,25, 26 एवं 34 कुल 12 नग जो दर्शित किये गये हैं, वे विकास कार्य पूर्ण होने तक विक्रय की पात्रता नहीं होगी एवं बंधक रहेंगे, ऐसा लिखकर नगरपालिका द्वारा कालोनी निर्माण एवं विकास की अनुमति पत्र 08 मई 2015 को दिया था।

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