कमिश्नर ने दो तहसीलदार व दो नायाब तहसीलदार को जारी किया नोटिस
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में उदासीनता बरती थी उदासीनता
शहडोल। कमिश्नर नरेश पाल द्वारा राजस्व प्रकरणों के निराकरण में उदासीनता बरतने पर संभाग के दो तहसीलदारों और दो नायब तहसीलदारों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। कमिश्नर द्वारा राजस्व प्रकरणों के निराकरण में उदासीनता बरतने पर तहसीलदार जयसिंहनगर सुश्री वेदवती, तहसीलदार पुष्पराजगढ़ एवं प्रभारी वृत्त गिरारी जिला अनूपपुर टीआर नाग, नायब तहसीलदार धनपुरी सुश्री साक्षी गौतम, नायब तहसीलदार मानपुर वृत्त चिल्हारी जिला उमरिया दशरथ सिंह को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
कमिश्नर द्वारा जारी सूचना पत्र में कहा गया है कि, आरसीएमएस पोर्टल में राजस्व न्यायालय रिपोर्ट माह नवम्बर 2020 के अवलोकन में पाया गया है कि, तहसीलदार जयसिंहनगर सुश्री वेदवती के राजस्व न्यायालय में 02 से 05 वर्षों के राजस्व प्रकरणों की कुल संख्या 75 है तथा 01 प्रकरण 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित है, जिसका निराकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है। इसी प्रकार तहसीलदार पुष्पराजगढ एवं प्रभारी वृत्त गिरारी टी.आर. नाग को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में कहा गया है कि, राजस्व न्यायालय के निराकृत प्रकरण अत्यंत कम है एवं राजस्व न्यायालय पुष्पराजगढ़ एवं वृत्त गिरारी में पेशी से उतरे हुए प्रकरणों संख्या 342 एवं 92 है। कमिश्नर द्वारा नायब तहसीलदार धनपुरी सुश्री साक्षी गौतम को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में कहा गया है कि, राजस्व न्यायालय धनपुरी में 02 से 05 वर्षो तक के लंबित प्रकरणों की कुल संख्या 71 है जिसका निराकरण आज दिनांक तक नही किया गया है। वहीं नायब तहसीलदार मानपुर वृत्त चिल्हारी को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में कहा गया है कि राजस्व न्यायालय मानपुर में कुल 806 पंजीकृत राजस्व प्रकरणो के विरूद्व कुल 225 प्रकरण निराकृत किये गए है जिसका प्रतिशत 27.9 है जो काफी कम है।
कमिश्नर द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र में कहा गया है कि, इससे स्पष्ट होता है कि संबंधित राजस्व न्यायालयों के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों द्वारा राजस्व न्यायालयीन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण में रूचिकर कदम नहीं उठाये जा रहे है, तथा पदीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता तथा शिथिलता बरती जा रही है। राजस्व अधिकारियों का उक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत होने से दण्डनीय है। अत: स्पष्ट करें कि क्यों न संबंधितों के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ करते हुए मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाए? संबंधित तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारो का उत्तर सात दिवस के अंदर प्राप्त न होने पर यह मानकर कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है एक पक्षीय कार्यवाही की जावेगी।