शहर की ‘सांसों’ पर पड़ गई कुदृष्टि अफसरों ने जनता की चिंता किए बगैर खदान कर दी स्वीकृत फिर छलनी होगा ‘शहर का सीना’ शहर के ऑक्सीजन टैंक जागृति पार्क पर मंडराया खतरा, 20 वर्ष बाद फिर छलनी होगा ‘शहर का सीना’ खनिज विभाग, जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने नहीं की जनता की चिंता

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शहर की ‘सांसों’ पर पड़ गई कुदृष्टि
अफसरों ने जनता की चिंता किए बगैर खदान कर दी स्वीकृत फिर छलनी होगा ‘शहर का सीना’
शहर के ऑक्सीजन टैंक जागृति पार्क पर मंडराया खतरा, 20 वर्ष बाद फिर छलनी होगा ‘शहर का सीना’ खनिज विभाग, जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने नहीं की जनता की चिंता
कटनी।। नगर में प्राकृतिक संसाधनों को गिद्ध की तरह नोचने वाले माफिया अधिकारियों से सांठ गांठ की बदौलत शहर का सीना चीर कर खनन करने की तैयारी में है. पर सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक इस शहर नगर और जिले कों लूटा जाएगा? अवैध उत्खनन व परिवहन का कार्य ? कब तक प्रभाव का इस्तेमाल कर खनिज का उत्खनन अवैध तरीके से करते रहेंगे? अब कारोबारियों की नजर शहर की ‘सांसों’ पर कुदृष्टि पड़ गई है। शहर के ऑक्सीजन जोन जागृति पार्क के बाजू से मनमाना खनन होगा, जिससे पार्क के पेड़ों के साथ लोगों का दम घुटेगा.अब सवाल यह है कि राजस्व खनिज सहित शासन प्रशासन नगर निगम की सीमा में बॉक्साइट, लेटराइट व लाइमस्टोन माइनिंग के लिए कैसे इन खदान कों स्वीकृत दी. निरंतर समाचार पत्रों में प्रकाशन पर भी जिला खनिज विभाग के अधिकारियों सहित स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ठोस पहल क्यों नहीं करता क्या कारण है?
नगरनिगम सीमा के अंदर शहर के बीचोंबीच एक बार फिर माधवनगर में शहर का सीना छलनी होगा। करीब 20 वर्ष से बंद पड़ी टिकुरिया खदान में खनन शुरू करने की तैयारी है। खदान स्वीकृत कर दी गई है। जिला प्रशासन की अनुमति के बाद मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने लोक सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर दी है। जल्द खदान का संचालन शुरू होगा। खदान का संचालन शुरू होने से माधवनगर के ऑक्सीजन टैंक जागृति पार्क पर खतरा मंडरा जाएगा। खनन की स्वीकृति के लिए परियोजना क्षेत्र का विवरण भी गलत दर्शाया गया है। खनिज विभाग द्वारा माधवनगर में जागृति पार्क के पीछे ग्राम टिकुरिया के खसरा नंबर 2/1क, 2/2, 2/3 ख, 2/5, 18/5पी, 55 पी कुल क्षेत्र 16.87 हेक्टेयर में बॉक्साइट, लेटराइट व लाइमस्टोन खनिज के लिए मेसर्स स्माइल एंड संस को 1/11/1995 से 31/10/25 तक की लीज स्वीकृत की गई है। लीज स्वीकृति के बाद यहां कुछ वर्षों तक तो खनन हुआ, लेकिन पर्यावरण स्वीकृति के अभाव में यहां करीब 20 वर्ष से खनन बंद है। एक बार फिर मेसर्स स्माइल एंड संस ने यहां खनन को लेकर अनुमति मांगी है जिसके बाद खनिज विभाग से प्रक्रिया शुरू हुई। पर्यावरण अनुमति के लिए यहां 28 मार्च 2023 को लोक सुनवाई का आयोजन किया गया और इस प्रक्रिया को पूरा कर रिपोर्ट बोर्ड को भेजी गई है। जागृति पार्क की कटनी पर्यावरण संधारण समिति के पदाधिकारी खदान स्वीकृत करने के विरोध में उतर आए है। समिति के सचिव निरंजन पंजवानी का कहना है कि शहर के सबसे बड़े पार्क को तबाह करने की यह साजिश है। जनता को अंधेरे में रखकर खदान की स्वीकृति देना पूरी तरह से गलत है। समिति के कोषाध्यक्ष जाकिर हुसैन का कहना है कि शहरवासियों ने इस पार्क को पाल-पोसकर बड़ा किया है। खनन हुआ तो पार्क पूरी तरह से तबाह हो जाएगा। खनन का विरोध किया जाएगा और किसी भी सूरत में पार्क को मिटने नहीं दिया जाएगा।
खनन की स्वीकृति के लिए परियोजना के विवरण में भी भ्रामक जानकारी दी गई है। परियोजना क्षेत्र के विवरण में जिन दस्तावेजों को लगाया गया है उनमें खदान से शहर की दूरी 25 किमी बताई गई है, जबकि खदान बीच शहर में स्थित है। निकटम गांव टिकरिया दर्शाया गया है, जबकि यह क्षेत्र पूरी तरह से नगरीय निकाय के अधीन है और वंश स्वरूप वार्ड के अंतर्गत आता है। पार्क के आसपास माइनिंग शुरू होती है तो पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। हजारों पेड़ प्रदूषण की चपेट में आकर खत्म हो जाएंगे। जागृति पार्क करीब 60 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह पार्क पूरी तरह से शासन की जमीन पर बना हुआ है। जागृति पार्क की देखरेख कटनी पर्यावरण संधारण समिति करती है और इसके अध्यक्ष खुद कलेक्टर हैं। करीब 10 वर्ष में जागृति पार्क से जुड़कर शहर के दानदाताओं, उद्योगपतियों, समाजसेवियों, पर्यावरण सहित अन्य ने इसे संवारा है। शहर को साफ सांसें देने पहल की है, जिस पर अब खनन कारोबारी व अफसरों का गठजोड़ कुठाराघात कर रहा है।
वरिष्ठ पार्षद,पूर्व महासचिव मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी एड. मौसूफ बिट्टू ने किया पत्राचार
कांग्रेस के पूर्व महासचिव मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को
खदान संचालन पर तत्काल रोक लगाए एवं स्थिति स्पष्ट किये जाने के संबंध में पत्राचार किया है। जिसमे उल्लेख किया गया है कि गत दिनों से लगातार समाचार पत्रों के माध्यम से ऐसी जानकारी लग रही है की रिहाईश क्षेत्र स्थित माधव नगर कटनी में कोई बंद खदान पुनः वापस चालू कराए जाने की प्रक्रिया जारी है और ऐसा बताया जा रहा है की नगर निगम कटनी से भी अनापत्ति जारी की गई है और कहीं पढ़ने में यह आया है कि आपके द्वारा इस प्रकार की कोई भी अनापत्ति जारी नहीं की गई है लेकिन यहां पर यह बात अति आवश्यक है कि नगर निकाय सीमा के अंतर्गत खदान होने के कारण बिना नगर निगम की सहमति के कोई भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है अतः आपसे अनुरोध है कि तत्काल निगम की स्थिति स्पष्ट की जाए और यदि पूर्व में कोई अनापत्ति जारी की गई है तो उसे तत्काल निरस्त करते हुए नगर पालिका निगम कटनी की स्थिति की स्पष्ट की जानी चाहिए साथ ही यदि मौके पर स्थिति देखी जाए तो रिहायशी इलाके पर इस प्रकार के संचालन से समस्त आम जनमानस के स्वास्थ्य पर आति प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा अतः अनुरोध है तत्काल इस विषय पर नगर पालिक निगम कटनी का रुख स्पष्ट करते हुए रोक लगाने का कष्ट करें अन्यथा खदान से लगे आसपास के समस्त क्षेत्र में 5000 काले झंडे लगाकर विरोध दर्ज किया जाएगा। यदि माधवनगर की अवैध खदान प्रक्रिया नहीं रुकी तो पूरे खदान के इलाके पर काले झंडे विरोध स्वरुप लहराये जाएंगे।इस संबंध में नगर निगम आयुक्त विनोद शुक्ल ने जानकारी में बताया कि माधवनगर में खदान का मामला शासन का है। शहर के बीचोंबीच खदान संचालन को लेकर नगरनिगम द्वारा क्या अनापत्ति दी गई है, या नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। शासन के नियमानुसार ही खदान चलाई जा सकती है।

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