धनपुरी में अध्यक्ष-पीआईसी के बीच चल रहा खेला

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तीन दिनों बाद पुरानी बर्खास्त पीआईसी कर दी गई बहाल

 

कभी विकास कार्याे तो कभी भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली जिले की चर्चित नगर पालिका धनपुरी में इन दिनों निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के बीच शीतयुद्ध उफान पर है, ऊपर से शांत दिखने वाले धनपुरी के माहौल में अंदर ही अंदर क्या खिचड़ी पक रही है, इसकी चर्चा अब चौराहों पर होने लगी है। पार्टी के साथी दूर हो चुके हैं और विपक्ष बैसाखियां लेकर खड़ा नजर आ रहा है।

धनपुरी। 10 फरवरी को भंग की गई प्रेसिडेंट एण्ड काउंसिल का पुर्नगठन किया गया है, नगर पालिका अध्यक्ष धनपुरी के हस्ताक्षर युक्त इस आदेश पर 13 फरवरी की तिथि अंकित की गई है, विभागीय पत्र क्रमांक 2659 के माध्यम से जारी आदेश में सातों विभागों में उन्हीं 7 प्रभारियों को जगह दी गई है, जिसमें चार निर्दलीय और तीन भारतीय जनता पार्टी के हैं, जाहिर है बैसाखियों पर चल रही नगर की भाजपा सरकार निर्दलियों का सहारा छोड़ आगे कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इससे पूर्व 12 अगस्त 2022 को पहली पीआईसी गठित की गई थी, इस पीआईसी में भी वही प्रभारी और वही सदस्य तथा वही विभाग थे, जो 13 फरवरी को जारी की गई सूची में है। यह दिगर बात है कि इससे पूर्व 10 फरवरी को नगर पालिका कार्यालय से पत्र जारी हुआ और उसमें यह उल्लेख किया गया कि शासन से प्राप्त शक्तियों के अनुरूप पीआईसी को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है। यह खबर भी रही कि अध्यक्ष की इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के तीन पार्षदों से बिल्कुल नहीं बन रही है, इन तीन पार्षदों के पीछे अन्य तीन पार्षद भी खड़े हैं, इस तरह यदि 6 पार्षद किनारे कर दिये जाये तो, 9 पार्षदों वाली नगर परिषद में पार्टी के ही कुल 3 पार्षद शेष रह जाते हैं।

हार के डर से आत्म समर्पण

कोयलांचल की धनपुरी नगर पालिका सहित आस-पास के नगरों में भी यहां की राजनीति और राजनैतिक चर्चा हमेशा बनी रहती है, 10 फरवरी को जब यहां पीआईसी भंग की गई तो, उसे नगर पालिका द्वारा जारी किये गये टेण्डरों और ठेकेदारों के बीच आम सहमति न बन पाना बताया गया। परिषद के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी यह चर्चा खुलकर होने लगी है कि जियो और जीने दो की गाइड लाईन जो पूर्व सीएमओ के दौरान यहां पर थी, वह मिटा दी गई है। जो पार्षद पीआईसी में हैं, उन्हीं में से कुछ इतने असंतुष्ट हो चुके हैं कि जारी टेण्डरों में वे अपने परिचितों को काम दिलाना चाहते थे, लेकिन आपसी सामांजस्य नहीं बन पाया, तो वे भी पीछे नहीं हटे, जिस कारण चमकाने के लिहाज से ही पीआईसी भंग की गई।

इधर कांग्रेस इंतजार में

नगर पालिका के अंदर और बाहर जो भी चल रहा है, ऐसा नहीं है कि उस पर भाजपा व कांग्रेस के बड़े नेताओं की नजर नहीं है, कांग्रेस भी इस मामले में दो कदम पीछे होकर बॉल को बाउण्ड्री से बाहर भेजने के फेर में हाथ में बल्ला लिए बैठी है, असंतुष्ट पार्षदों पर भी कांग्रेस की पैनी नजर बनी हुई है, वहीं बीते वर्ष हुए चुनावों में कांग्रेस ने जो भूल की थी, अब कांग्रेस के जिम्मेदार खुद उसका रोना रो रहे हैं।

विपक्ष से ज्यादा अपने एकजुट

नगर पालिका धनपुरी में कांग्रेस के उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष जितने सक्रिय नहीं है, उतने सक्रिय भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और उनके आका मुस्तैद नजर आ रहे हैं, 10 फरवरी को पीआईसी के भंग होने के बाद भाजपा पार्षदों की एकजुटता का ही नतीजा था कि पुरानी पीआईसी का फार्मेट कापी-पेस्ट करना पड़ा, पीआईसी में 7 लोगों को जगह दी गई है, जिसमें स्कंद सोनी, आनंद कचेर व प्रवीण बड़ोलिया भाजपा के पार्षद हैं, शेष 4 पार्षदों में श्रीमती नीतू सोनकर, भोला पनिका, श्रीमती अंशिका विश्वकर्मा और श्रीमती सरिता दाहिया निर्दलीय हैं, जाहिर है, निर्दलियों को असंतुष्ट नहीं किया जा सकता। तीन पार्षदों में से ही किसी को रखने या हटाने की मंशा से ही पीआईसी भंग की गई थी, लेकिन फिर उन्हीं को वही जिम्मेदारी देना इसलिए भी चर्चा में है कि क्या किसी अन्य भाजपा पार्षद पर भरोसा नहीं था या फिर बाकी ने पद लेने से ही मना कर दिया। इस तरह की चर्चाएं शहर में जमकर हो रही है और चर्चा तो यह भी है कि जिस टेण्डर के भरने, न भरने और रेट कोड करने को लेकर पत्र जारी किया गया था, उसमें असंतुष्टों ने डरकर घुटने टेक दिये तो, फिर उन्हें पुरानी कुर्सी दे दी गई।

करोड़ों के होंगे निर्माण

जिले ही नहीं बल्कि संभाग की सबसे धनी नगर पालिका में शुमार धन की नगरी में आने वाले माहों में नगर पालिका के द्वारा दर्जनों ऐसे निर्माण कार्य कराये जाना स्वीकृत हुआ है, जो मील का पत्थर साबित होंगे। सडक़ों के किनारे सुव्यवस्थित पेवल ब्लॉक लगने के बाद अब पालिका अंतर्गत सुसज्जित पार्क, स्विमिंग पूल के अलावा डिवाइडर वाली आधुनिक सडक़ों का निर्माण भी होना है, जिसके लिए शासन से स्वीकृति और निर्माण कराने की प्रक्रिया को गति दी जा रही है, पूर्व में भी धनपुरी में इंडोर स्टेडियम, नेहरू चौक से तीनों तरफ रोड लाईट व डिवाइडर जैसे काम आज धनपुरी की पहचान बन चुके हैं।

 

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