मिलीभगत से फल-फूल रहा भू-माफियाओं का खेल, बेशकीमती जमीनें बनी निशाना, जबलपुर-रीवा बायपास मार्ग पर भूमाफियाओं का कब्जा अभियान तेज

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मिलीभगत से फल-फूल रहा भू-माफियाओं का खेल, बेशकीमती जमीनें बनी निशाना, जबलपुर-रीवा बायपास मार्ग पर भूमाफियाओं का कब्जा अभियान तेज
कटनी। जबलपुर-रीवा बायपास मार्ग पर इंद्रानगर पहरूआ के पास भूमाफियाओं की नजर अब निजी स्वामित्व की जमीनों पर गड़ चुकी है। हाइवे से लगी बेशकीमती जमीनों पर कब्जे की होड़ मची हुई है। हालात ऐसे हैं कि शासकीय भूमि के साथ-साथ निजी भू-स्वामियों की जमीन भी भूमाफियाओं के निशाने पर है। पीड़ित जमीन मालिकों का कहना है कि वे बार-बार पुलिस और प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के अभाव में भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं। हाल ही में एक मामला तब सामने आया जब गल्ला कारोबारी भगवानजी निवासी महावीर घाट, बलिया, उत्तर प्रदेश की खरीदी हुई भूमि पर अज्ञात व्यक्तियों ने कब्जा कर लिया। शिकायत में बताया गया कि उक्त भूमि खसरा नंबर-64/4, क्षेत्रफल 0.09 हेक्टेयर पर पत्थर गाड़कर बाड़बंदी कर दी गई और ट्रैक्टर से जुताई तक करा दी गई।
भगवानजी के अनुसार, जब उन्हें स्थानीय लोगों से सूचना मिली और वे मौके पर पहुंचे तो शिकायत सही पाई गई। इस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा को आवेदन देकर कब्जाधारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की।
इसी प्रकार उमाशंकर साह नामक भू-स्वामी ने भी यही आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि हल्का पटवारी पूरी तरह मामले से वाकिफ है कि यह निजी स्वामित्व की भूमि है, फिर भी वह कब्जाधारियों के खिलाफ उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट नहीं भेज रहा। आरोप यह भी हैं कि पटवारी की मौन सहमति और सहयोग से ही भूमाफिया लोगों की जमीनें हड़पने में कामयाब हो रहे हैं। प्रभावित भू-स्वामियों ने पुलिस-प्रशासन से मांग की है कि बेशकीमती जमीनों पर अवैध कब्जे की कोशिशें रोकी जाएं और इसमें शामिल भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो।

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