दोयम दर्जे की सामग्री से निर्मित हो रहा महत्वपूर्ण किरर घाट

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दोयम दर्जे की सामग्री से निर्मित हो रहा महत्वपूर्ण किरर घाट

म.प्र. सडक विकास निगम के अधिकारियों की घोर लापरवाही बना कारण

स्थाई निदान छोड, भ्रष्टाचार की दीवार से रोकेंगे किरर घाट की भुस्खलन

पवित्र नगरी अमरकंटक पहुंचने वाला मुख्य मार्ग कई वर्षो से क्षतिग्रस्त है, रख-रखाव न होने तथा बरसात के दिनों में किरर घाट मेें भुस्खलन होने के कारण सडक टूट जाती है, जिससे कई महीनों तक रास्ता बंद हो जाता है, जिम्मेदार विभाग तीन वर्षो से सुधार कार्य में लगी हुई है, लेकिन आज भी घाट की हालत खस्ता है, अधिकारियों की लापरवाही व दोयम दर्जे की सामग्री के कारण महत्वपूर्ण किरर घाट में निर्माण के बाद भी आवागमन बाधित हो जाता है।

अनूपपुर। निर्माण विभागों के कार्यों की कार्यवार समीक्षा करते हुए कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने 25 मई 2023 को बैठक में किरर घाट अधोसंरचना निर्माण कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा आवंटित राशि के अनुरूप एमपीआरडीसी को कार्ययोजना के अनुरूप समयबद्धता के साथ निर्माण कार्य कराए जाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए थे, उन्होने कहा था कि समय पर निर्माण कार्यों को नही करने, लापरवाही बरतने, कार्यों में शिथिलता बरतने वाले ठेकेदारों पर जुर्माने की कार्यवाही की जाये। उसके बावजूद भी म.प्र. सडक विकास निगम के अधिकारी मनमानी पर उतारू है, किरर घाट जैसे महत्वपूर्ण कार्य में दोयम दर्जे की सामग्री का उपयोग कर निर्माण कराया जा रहा है, नियमों व मापदण्डो के विपरीत कार्य होने के कारण बार-बार राहगीरों को समस्याओं का सामना करना पडता है।

पत्थर से कर रहे ढलाई

 

किरर घाट में हुए भुस्खलन वाले भाग में कंक्रीट की दीवार खडी कर सडको को मजबूती प्रदान करना था, लेकिन निर्माण एजेन्सी और एमपीआरडीसी के अधिकारियों सांठ-गांठ के कारण गिट्टी का उपयोग कम और घाट से ही निकले पत्थरो को डालकर ढलाई किया जा रहा है। न तो इसे कोई देखने वाला है और न ही गुणवत्ता को परखने के लिए कभी कोई अधिकारी मौजूद रहते है, यही कारण है कि निर्मित किरर घाट भ्रष्टाचार की भेंट चढ रहा है और मनमाने तरीके से दीवार को खडी कर आर्थिक, राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है। इतना ही नही सामाजिक एवं न्यायिक व्यवस्थाओं को लालच के भ्रमजाल में फंसाकर मानव जीवन के मूल उद्देश्य से विमुख कर रहा है और सांसारिक मोह-माया में फंसकर अपने कर्तव्यों को भूल रहा है।

खराब और टेढे-मेढे छड का उपयोग

दीवार निर्माण के दौरान जो छड का उपयोग किया जा रहा है, वह देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसकी गुणवत्ता कितनी होगी। छड देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे कही अन्य जगह से निकाल कर यहां उपयोग किया जा रहा हो, पुराने व अनुपयोगी छड को लगाकर ढलाई किया जा रहा है, अगर ऐसे ही निर्मित किया गया तो वह दीवार कभी भी धरासायी हो जायेगा। नये व गुणवत्तायुक्त छड एक दम सीधे व चमकीले होते है, लेकिन किरर घाट में उपयोग की जा रही छड पुराने व टेढे-मेढ दिखाई दे रहे है, जिससे सवालियां निशान उठते है।

गावर कांॅस्ट्रक्शन कर रहा कार्य

महत्वपूर्ण किरर घाट क्षतिग्रस्त होने के बाद विभाग के द्वारा गावर कॉन्ट्रक्शन हरियाणा को निविदा के माध्यम से कार्य दिया गया है, हालाकि सांठ-गांठ और कमीशन के अनुरूप ही ऑनलाईन और ऑफलाइन टेंडर फर्म को प्रदाय होते है, लेकिन ऑफ रिकार्ड के इस कारोबार में और भ्रष्टाचार के इस खेल में कंपनी और अधिकारी मालामाल तो हो जाते है, लेकिन इसका खामियाजा लाखों राहगीरों और वाहनमालिकों को भुगतना पडता है। चंद कमीशन के फेर में गावर कॉन्ट्रक्शन हरियाणा को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे दी गई है।

इनका कहना है

टेंडर के माध्यम से कार्य हो रहा है, छड व गिट्टी का उपयोग बराबर किया गया है, मैं निरीक्षण में जाकर देखता हूं, अगर ठेकेदार लापरवाही करेगा तो कार्यवाही भी अवश्य की जायेगी।

पंकज कुमार बागरी, एसडीओ

एमपीआरडीसी, शहडोल

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