पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर शुरू की ही थी जांच की आदिवासी युवक के साथ मारपीट और अपहरण की कहानी में आया नया मोड़.युवक अपनी मां के साथ फिर पहुंचा अजाक थाने,व्यापारिक लड़ाई में आदिवासी युवक को बनाया मोहरा
पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर शुरू की ही थी जांच की आदिवासी युवक के साथ मारपीट और अपहरण की कहानी में आया नया मोड़.युवक अपनी मां के साथ फिर पहुंचा अजाक थाने,व्यापारिक लड़ाई में आदिवासी युवक को बनाया मोहरा
कटनी।। गत रविवार को स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तेवरी निवासी सुनील कुमार ठाकुर पिता कल्याण सिंह ठाकुर उम्र लगभग 42 वर्ष शराब ठेकेदार के पुत्र एवं उनके अन्य साथियों के द्वारा घर से बंदूक की नोक पर अपहरण कर बुलेरो में बिठाकर ऑफिस ले जाकर मारपीट करने के साथ अन्य आरोप लगाते हुए अजाक थाने में शिकायत करने पहुंचा था. पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने शराब ठेकेदार के पुत्र एवं अन्य के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की. लेकिन फिर इस कहानी में सोमवार को एक नया मोड़ जाकर जुड़ गया और प्रारंभिक जांच में सुनील के द्वारा लगाए गए आरोप संदेहप्रद लगे जिसकी जांच करने पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा जहां पर सुनील खुद अक्षय असाठी उर्फ गुल्ली के ऑफिस के बाहर नोक झोक करता है दिखाई दिया जिसके आधार पर ही प्रारंभिक जांच में की गईं शिकायत झूठी पाई गई। वायरल हुई 7 मिनट के वीडियो ने सारी की सारी कहानी को उल्टा करके रख दिया. जिसके बाद सोमवार की शाम होते होते कहानी में फिर एक ट्वीस्ट नजर आया और सुनील अपनी मां के साथ दोबारा अजाक थाने पहुंचा. जहाँ पर युवक ने पुलिस को दिए गए शपथ पत्र मे बताया कि शराब ठेकेदार दिगपाल जायसवाल के कहने पर सुनील ने अक्षय असाठी उर्फ गुल्ली के विरुद्ध झूठी शिकायत दर्ज कराई थी ना तो उसके साथ मारपीट हुई थी और ना ही कोई अपहरण किया गया था। उसने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नशे का फायदा उठाकर शराब ठेकेदार दिगपाल जायसवाल के द्वारा झूठी शिकायत मुझसे करवाई गई। मेरे साथ ना तो मारपीट हुई और ना ही अपहरण हुआ।
युवक ने यह लगाया था आरोप
सुनील सिंह पिता कल्याण सिंह ठाकुर ने रविवार को शिकायत करते हुए बताया था कि मैं आदिवासी हूँ मेरे को अक्षय असाठी उर्फ गुल्ली ने कल काम करवाने के लिए बुलवाया था। लेकिन मेरे घर में काम होने के कारण मैं नहीं गया। 21 सितंबर की रात घर के पास से बुलेरो सफेद कलर की गाड़ी में अक्षय असाठी उर्फ गुल्ली एवं राजुल असाठी अन्य तीन लोग द्वारा मेरे को रिवाल्वर अड़ाकर जबरजस्ती गाड़ी में बैठाकर अपने आफिस ले गए और वहां पर मेरे साथ बेल्ट एवं डण्डों से मारपीट की। उक्त लोगों ने उसे धमकाते हुए कहा कि अगर तू काम में नहीं आया तो गांव में रहने नहीं देंगे। सुनील ने यह भी कहा है कि मेरे से पैर भी घुलवाये तथा पैर चटवाये, मॉफी मगवाऐ साथ ही मेरे साथ मारपीट करते रहे जैसे ही मुझे मौका मिला मैं उनके चंगूल से जान बचाकर भाग निकला। शिकायत किए जाने के दूसरे ही दिन थाने में शपथपत्र देते हुए मीडिया से बात की और उसने कहा कि मेरे साथ शराब ठेकेदार मंचू असाठी के पुत्र अक्षय असाठी उर्फ गुल्ली ने ना तो मारपीट की है और ना ही मेरा अपहरण किया था। गत दिवस मैं नशे की हालत में था जिसके कारण इस बात का फायदा उठाते हुए शराब ठेकेदार दिगपाल जायसवाल के द्वारा मुझे थाने में लाकर झूठी शिकायत दर्ज करवा दी गई।
आप को बता दें की अक्षय असाठी रविवार की रात मीडिया को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराते हुए यह कहा था कि मेरे पिता मंचू असाटी भी शराब के ठेकेदार हैं। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के कारण ही दिगपाल ने अपने कर्मचारी सुनील को आगे करके मारपीट की यह झूठी कहानी गढ़ी है। आदिवासी युवक सुनील ने कहा कि कहा कि वास्तविकता तो यह है कि मैं खुद 21 सितंबर की रात अक्षय असाठी के ऑफिस गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनील सिंह दिगपाल जायसवाल शराब ठेकेदार का कर्मचारी है। वर्तमान में वह दिगपाल के लिए ही काम करता है। सुनील ने मीडिया से चर्चा करतें हुए यह भी कहाँ कि वह बिना किसी दबाब के अपनी शिकायत वापस लेना चाहता है.।