जिस थाने में दर्ज करते थे एफआईआर, आज उसी में बने आरोपी

प्रभारी को क्लीन चिट, आरोपी आज भी थाने में
शहडोल। शासकीय चिकित्सक से मारपीट के आरोप में आखिरकार तीसरे दिन सोहागपुर थाने में 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, इसमें से चार को नामजद किया गया, जबकि दो पुलिसकर्मी अभी भी अज्ञात हैं। एफआईआर से पहले पीडि़त चिकित्सक की पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उसके ठीक बाद सोहागपुर थाने पहुंची। उनके द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध कायम कर लिया है, वहीं यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस कर्मचारियों की शिकायत पर चिकित्सक के खिलाफ भी गंभीर अपराध के तहत एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में हैं। जिसमें शासकीय कार्य में व्यवधान से लेकर अन्य गंभीर धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। इस पूरे मामले में पुलिस ने यह तो माना की डॉक्टर के साथ मारपीट की गई, लेकिन जिस थाना प्रभारी के कार्यक्षेत्र और कार्यालय में यह घटना कारित हुई, पूरे मामले में पुलिस के आलाधिकारी थाना प्रभारी को एक किनारे करते हुए, सिर्फ मातहतों पर ही कार्यवाही करते नजर आये।
यह की थी शिकायत
शिकायतकर्ता एवं पीडि़त डॉक्टर की पत्नी श्रीमती रत्नमाला मिश्रा ने सोहागपुर थाने में शिकायत दी , जिसमें उनके द्वारा बताया कि वे रत्नमाला पति डॉ. कृष्णेन्द्र धर द्विवेदी निवासी वार्ड 1 आई.टी.आई. पास होमगार्ड ग्राउंड के सामने रहती है, 16 एवं 17 मई को रात्रि लगभग 1.15 बजे मेरे पति डॉ. कृष्णेन्द्र धर द्विवेदी जो कि जिला अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ है, अस्पताल से मरीज देखकर वापस घर आ रहे थे, जब वह घर पहुंचे तब घर के सामने कार में बैठकर अपने मोबाईल से फोन कर दरवाजा खोलने के लिये कह रहे थे, उसी दौरान थाना सोहागपुर के पुलिस सुखंवत चतुर्वेदी एवं हरेन्द्र सिंह आ गये और मेरे पति के हाथ से मोबाईल और कार की चाभी छीन ली और अभद्र व्यवहार गाली-गलौज करने लगे, उसके बाद मेरे पति के द्वारा मना किया गया, जिसकी आवाज जोर-जोर से आने लगी, तब मै फरियादिया व मेरे पिता व मेरे परिवार के अन्य लोग एवं मित्रगण बाहर निकल आये, मेरे घर के पास पहुंच गये, मुझ शिकायतकर्ता द्वारा बीच-बचाव कर निवेदन किया गया, उसके बाद भी पुलिस द्वारा मेरे व मेरे पिता के साथ भी अभद्र व्यवहार कर धक्का-मुक्की किया गया, फिर उसी दौरान मेरे घर के सामने ही सुखवन्त चतुर्वेदी द्वारा फोन करें अन्य पुलिस वालो के बुलाया गया, वहीं पर अन्य पुलिसवालों के आने के बाद मेरे पति के साथ मेरे घर के सामने जमीन में पटक कर एक पुलिस द्वारा हाथ पकड़ा गया था, शेष अन्य 5 पुलिस द्वारा लाठी डण्डे से मारपीट की गई।
लॉकप में ले जा कर पीटा
शिकायतकर्ता ने बताया कि जबरन बल पूर्वक मेरे पति को पुलिस की गाड़ी में बैठाकर गाड़ी में मारपीट की गई, थाने लेकर गये एवं उनकी कार को दूसरे पुलिस द्वारा थाने लेकर गये थाने ले जाने के बाद मेरे पति के साथ सुखवन्त चतुर्वेदी व हरेन्द्र सिंह, पवन सिंह, सिद्धार्थ रैकवार व अन्य दो पुलिस वाले थाने के अन्दर लॉकप में ले जाकर लाठी, पाईप से मारपीट किये, जिससे मेरे पति के पूरे शरीर में चोटे थी और रात्रि 1.50 बजे से लेकर सुबह 5.30 बजे तक मेरे पति को बिना किसी अपराध के थाने के लॉकप में बन्द किया गया था, उसके बाद थाना सोहागपुर में में शिकायतकर्ता व मित्रगण पूरे समय थे, हम लोगों को मेरे पति से मिलने नही दिये, उसके बाद सुबह 5. 30 बजे मेरे पति को मेडिकल कालेज चिकित्सीय परीक्षण के लिये ले जाया गया, जहाँ मेरे पति को पुलिस द्वारा की गई मारपीट से आई गंभीर चोटो के कारण मेडिकल कालेज के डॉक्टरों द्वारा उन्हें भर्ती कर लिया गया, फिर जांच के उपरान्त मेरे पति के एल-स्पाईन में दो जगह अस्थीभंग पाया गया, जिस कारण मेरे पति उठ-बैठ नही पा रहे है । फरियादिया ने न्याय दिलाने के साथ ही सुखवन्त चतुर्वेदी, सिद्धार्थ रैकवार, हरेन्द्र सिंह, पवन सिंह परिहार, दो अन्य पुलिस कर्मी जो मारपीट किये थे, उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग की थी।