कुटेश्वर महानदी पुल के सुधार की राह हुई आसान तीन साल से जनता भुगत रही थी सजा, अब 26 करोड़ से होगा पुल का सुधार बदली निर्माण एजेंसी, जल संसाधन विभाग कराएगा मरम्मत कार्य
कुटेश्वर महानदी पुल के सुधार की राह हुई आसान
तीन साल से जनता भुगत रही थी सजा, अब 26 करोड़ से होगा पुल का सुधार बदली निर्माण एजेंसी, जल संसाधन विभाग कराएगा मरम्मत कार्य
कटनी।। बरही–मैहर मार्ग पर महानदी बाणसागर बैकवॉटर पर स्थित क्षतिग्रस्त कुटेश्वर पुल के बहुप्रतीक्षित सुधार कार्य को लेकर बड़ी राहत की खबर सामने आई है। विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक की लगातार सक्रियता और जनहित में किए गए प्रयासों के बाद अब इस पुल का 26 करोड़ रुपये से होने वाला सुधार कार्य मूल निर्माण एजेंसी—बाणसागर परियोजना (जल संसाधन विभाग) के माध्यम से कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने विधायक संजय पाठक को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि कुटेश्वर पुल की मरम्मत एवं सुधार का कार्य जल संसाधन विभाग बाणसागर परियोजना / RDC शहडोल द्वारा कराया जाएगा। विभागीय स्तर पर आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि मैहर को अमरकंटक से जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग पर स्थित कुटेश्वर पुल पिछले तीन वर्षों से भारी वाहनों के लिए बंद है। पुल के पियर क्रमांक-10 के डेक स्लैब के केंटिलीवर भाग में डिफ्लेक्शन आने के कारण भारी वाहनों के आवागमन से अत्यधिक कंपन उत्पन्न हो रहा था, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई थी। इसी कारण प्रशासन द्वारा पुल पर बड़े वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया था, जबकि केवल छोटे वाहनों को सीमित रूप से अनुमति दी गई थी।
तीन बार टेंडर, फिर भी नहीं मिला ठेकेदार
पुल के सुधार कार्य के लिए बीते दो वर्षों में तीन बार टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई, लेकिन पुल की जटिल तकनीकी संरचना को देखते हुए ठेकेदारों ने कार्य करने से हाथ खींच लिए। सेतु निर्माण निगम से जुड़े ठेकेदारों के पास इस प्रकार के जटिल पुलों के सुधार का अनुभव नहीं होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका।
कृषि और जनजीवन पर पड़ा व्यापक असर
भारी वाहनों जैसे बस, ट्रक, हार्वेस्टर आदि का आवागमन बंद होने से क्षेत्रीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कृषि कार्य, व्यापारिक गतिविधियां और दैनिक आवागमन बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मिली स्वीकृति
जनता की लगातार समस्या को गंभीरता से लेते हुए विधायक संजय पाठक ने स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर पुल के सुधार कार्य को पुनः जल संसाधन विभाग की बाणसागर परियोजना को सौंपने की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने जनहित को ध्यान में रखते हुए इस मांग को स्वीकार किया, जिसके बाद अब कार्यवाही आगे बढ़ी है।
क्षेत्रवासियों को बड़ी राहत की उम्मीद
अब जब पुल के सुधार की जिम्मेदारी उसी एजेंसी को सौंपी गई है जिसने मूल निर्माण किया था, तो क्षेत्रीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही यह महत्वपूर्ण पुल पूरी क्षमता के साथ चालू होगा और वर्षों से चली आ रही समस्या का स्थायी समाधान निकलेगा।