एसटीएफ के हाथ में पहुंचे तीनों संदिग्ध शिकारी
एसटीएफ के हाथ में पहुंचे तीनों शिकारी
अंबिकापुर से अनूपपुर के जगंलो में हथियारों सहित आये थे शिकार के फिराक में
अनूपपुर। स्पेशल टास्क फोर्स भोपाल की टीम संदिग्ध शिकारियों की जांच हेतु पहुंची जहां एसटीएफ टीम के द्वारा जिला जेल पहुंचकर तीनों आरोपियों से मुलाकात कर अपने कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है, इसके पहले पकड़े गये तीन संदिग्ध शिकारियों को बचाने के लिये अंबिकापुर से दर्जनो लोग अनूपपुर पहुंचे थे और रिश्वत देने की कोशिश के साथ छत्तीसगढ़ के कई मंत्री और मध्यप्रदेश के कई मंत्रियों से बचाने के लिये मदद मांगी गई थी, लेकिन ईमानदार वनमंडलाधिकारी डॉ. अब्दुल अलीम अंसारी ने किसी की एक भी नहीं सुनी और तीनो आरोपियों पर मामला पंजीबद्ध करते हुये न्यायालय भेज दिया। जहां से उन्हें जिला जेल भेजा गया है, वर्तमान में तीनों संदिग्ध आरोपी भोपाल से पहुंची स्पेशल टास्क फोर्स टीम की हाथ में है।
यह था मामला
18 जनवरी की रात्रि में वनपरिक्षेत्र अनूपपुर के जमुड़ी बीट अंतर्गत शिकार करने के फिराक में हथियारों सहित अंबिकापुर के तीन शिकारी पहुंचे थे, जहां वनमंडलाधिकारी डॉ. अब्दुल अलीम अंसारी के द्वारा उन्हें पकड़ा गया था। वन विभाग की टीम ने रात्रि में ही संदिग्ध आरोपियों की तलाशी ली तथा उनके स्कॉर्पियो वाहन में रखे सामग्रियों की जांच की गई तो कई तरह के खतरनाक व घातक हथियार पाये गये थे, जिससे प्रतीत होता था कि यह तीनों वन्य जीव के हत्यारें ही हैं। वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर मामले को पंजीबद्ध करते हुये वाहन सहित हथियार को जप्त कर लिया था।
न्यायालय में हुये थे पेश
संदिग्ध शिकार के आरोपी सोहराव फिरदौसी पिता अबरार अहमद 32 साल,वकील पिता मोहम्मद हुसैन फिरदौसी उम्र 33 वर्ष, आरिफ पिता कासिम फिरदौसी 35 वर्ष सभी निवासी नवागढ़ थाना अंबिकापुर जिला सरगुजा छत्तीसगढ़ के विरूद्ध वन अप,क,4498/21 दर्ज कर वन्यप्राणी संरक्षण अधि,1972 की धारा 2, 9,16.(ए)(बी) 50 एवं 51 के तहत कार्यवाही की गई। पकड़े गए संदिग्ध आरोपियों के और अन्य अपराधों में सम्मिलित होना समझ कर वन विभाग द्वारा डॉग स्कॉट शहडोल की मदद से वन क्षेत्र का परीक्षण कराया गया। साथ ही एक आरोपी के जींस पेंट में खून लगे धब्बे पाये जाने पर फॉरेंसिंग जांच के लिए भेजा गया है। आरोपियों की चिकित्सकीय जांच पश्चात न्यायालय में पेश किया गया। जहां आम्र्स एक्ट का मामला कायम न होने के कारण पुन: दो दिन के रिमांड में वन विभाग की टीम ने अपने पास ले लिया था।
कोतवाली में दर्ज हुआ आम्र्स एक्ट
तीनों आरोपियों के पास से एक राइफल, 25 जिंदा कारतूस एवं एक खाली कारतूस वन विभाग के माध्यम से कोतवाली पुलिस ने जप्त करते हुये धारा 25,27 आम्र्स एक्ट कायम कर एक दिन के रिमांड में लिये थे, इसके साथ ही दो चाकू, एक गडासा एवं एक एयर बैग जिसमें खून लगा था को वन विभाग ने अपने पास बरामद कर लिया।
खुल सकते हैं कई राज
अंबिकापुर के तीन संदिग्ध शिकारी व उनकी गतिविधियां एवं जिस तरह से उन्हें बचाने का प्रयास पूरी ताकत के साथ किया जा रहा है, इससे प्रतीत होता है कि यह संदिग्ध शिकारी छोटे मोटे नहीं वर्षो से शिकार करने के शौकीन थे या फिर इनके तार हाई प्रोफाइल लोगों से जुडे हो सकते हैं। एसटीएफ के जांच रिपोर्ट के बाद सच्चाई सामने आयेगी।