… तो इनके लिए बदल जायेंगे लॉकडाउन के नियम
फिलहाल लॉकडाउन में जारी है सडक निर्माण का कार्य
बिना अनुमति चल रहा निर्माण कार्य
मौखिक आदेश से उडी लॉकडाउन की धज्जियां
पीएमजीएसवाई के अधिकारी और ठेकेदार कर रहे मजदूरो की जिंदगी से खिलवाड
पूरा देश कोरोना के कहर से परेशान है, इसकी चैन को तोडने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है, जहां लगभग कार्यो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और आम जनजीवन की वस्तुओं का समय निर्धारित किया गया है, लेकिन उद्योगपतियों को कोई फर्क इसलिए नही पडता, क्योकि इन पर कार्यवाही नही होती है, बल्कि उच्चाधिकारियों के द्वारा नियम में संसोधन कर कार्य को सुचारू रूप से चलाने के आदेश जारी कर दिये जाते है।
अनूपपुर। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए टोटल लॉकडाउन/कोरोना कफ्र्यू लगा दिया गया है। टोटल लॉकडाउन का निर्णय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला क्राईसेस मैनेजमेंट समिति की बैठक में प्राप्त सुझावों के बाद लिया गया। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट चन्द्रमोहन ठाकुर ने म.प्र. पब्लिक हेल्थ अधिनियम 1949, महामारी रोग अधिनियम 1984 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंध अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों को उपयोग में लाते हुए 20 अपै्रल को सायं 6:00 बजे से 03 मई को प्रात: 6:00 बजे तक के लिए सम्पूर्ण जिले के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में टोटल लॉकडाउन/कोरोना कफ्र्यू लागू कर दिया है। जिला दण्डाधिकारी के आदेश के मुताबिक उक्त लॉकडाउन/कोरोना कफ्र्यू दिवसों के दौरान दो/चार पहिया वाहन बन्द रहेंगे। किसी भी व्यक्ति के घर से निकलने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। शासकीय कार्यालयों में सिर्फ राजस्व विभाग, नगरीय निकाय, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, विद्युत विभाग, पेयजल विभाग तथा पुलिस विभाग आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की संख्या में खुले रहेंगे। जिले में संचालित अन्य समस्त शासकीय/अशासकीय/अद्र्धशासकीय कार्यालय पूर्णत: बंद रहेंगे।
संसोधन से पहले शुरू किया कार्य
21 अप्रैल को जिला कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेश को दरकिनार करते हुए कोतमा में निर्माण कार्य जारी रखा गया। जब इस बारे में मीडिया कर्मियों ने बड़े आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तो मामले को टाल मटोल करते हुए आगामी कार्य दिवस में निर्माण कार्य को नियमों के साथ करने की अनुमति देने की बात कही। कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेशों के उल्लंघन पर न तो अपर कलेक्टर ने कोई कार्यवाही की और न ही कोतमा एसडीएम द्वारा कोई कार्यवाही की गई।
कलेक्टर के आदेश नही मानता ठेकेदार
कोतमा से निगवानी तक डामरीकृत सड़क निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया जा रहा है, सड़क निर्माण का कार्य ठेकेदार को दिया गया है ठेकेदार द्वारा 20 अप्रैल को कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेशों और नियमों को दरकिनार करते हुए सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार के लिए कलेक्टर का आदेश रद्दी कागज के टुकड़े नजर आ रहे थे, कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट तौर पर निर्माण कार्यों में रोक लगाकर 3 मई तक कोई भी कार्य करने पर पाबंदी लगा गई थी, बावजूद इसके कलेक्टर के दिए गए आदेश का उल्लंघन करते हुए निगवानी से कोतमा रोड निर्माण का कार्य जारी रहा।
लिखित आदेश से बढ़कर है मौखिक आदेश
उक्त मामले को लेकर जब ठेका कंपनी के साइड इंचार्ज से बात करनी चाही तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिला के आला अधिकारी द्वारा मौखिक तौर पर कार्य करने की अनुमति दी गई है और यह कार्य जारी रहेगा, जिसके बाद मीडिया कर्मियों द्वारा कोतमा एसडीएम, तहसीलदार के साथ-साथ अपर कलेक्टर से उक्त मामले को लेकर चर्चा की, जिस पर लिखित आदेश निर्माण कार्य का न होने के बाद भी उक्त आला अधिकारियों द्वारा न तो निर्माण कार्य रोका गया और न ही कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए लिखित आदेशों का पालन करवाया गया। एक तौर पर देखा जाए तो कलेक्टर के लिखित आदेश से बढ़कर अन्य अधिकारियों के मौखिक आदेश उक्त ठेकेदार के लिए ज्यादा मायने रखते हैं।
कहीं कमीशन से तो नहीं चल रहा निर्माण कार्य
कलेक्टर के लिखित आदेश को ना मानते हुए निर्माण कार्य करने वाली कंपनी व ठेकेदार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं अपने मनमाने तरीके से जिले भर में कार्य करेगा, न तो उसके लिए कलेक्टर का लिखित आदेश समान है और न ही कोई नियम कानून, जिससे एक बात तो स्पष्ट होती है कि अन्य विभागों पर बैठे अधिकार अपने-अपने कमीशन सेट कर ठेकेदार को संरक्षण दे रहे हैं तथा शिकायत और सूचना मिलने पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं कलेक्टर द्वारा दिए गए लिखित आदेश को दरकिनार करते हुए कोतमा अनुभाग के अनुभवी अधिकारी भी उक्त निर्माण कार्य को लेकर गंभीर नहीं दिखे। अनुभाग अधिकारी ने अपर कलेक्टर से बात कर कार्य जारी रखने की बात कही।
ठेकेदार पर होनी चाहिए लॉकडाउन उल्लंघन की कार्यवाही
निर्माणाधीन सड़क पर लॉक डाउन के दौरान निर्माण कार्य करने व लॉकडाउन का उल्लंघन कर कलेक्टर के द्वारा दिए गए आदेशों को ना मानने पर धारा 188 के तहत ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए। एक ओर गरीब मजदूर एवं किसानों के लिए नियम निकालकर उनकी रोजी-रोटी को पूर्णता बंद कर दिया जाता है वहीं दूसरी ओर खुलेआम नियम का उल्लंघन करते हुए ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से निर्माण कार्य जारी रखा हुआ है जहां गरीबों को घर से बाहर निकलने पर लॉकडाउन उल्लंघन के तहत कार्यवाही होती है एवं चालान काटा जाता है वही शासन प्रशासन द्वारा उक्त कंपनी के ठेकेदार को पूरी तरह नियमों को दरकिनार कर कार्य करने की अनुमति मौखिक तौर पर दे रखी है। जिस पर सूचना और शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती।
इनका कहना है
मनरेगा के सहित जो भी कार्य शासकीय है, उनको शर्तों के साथ कार्य किए जाएंगे, जिसमें सोशल डिस्टेंस और मास्क जरूरी रहेंगे और जो पूर्व में लॉकडाउन के निर्देश घोषित किए गए थे, उसमें कल सुधार कर जारी कर दिए जाएंगे। कार्यों को परमिटेड कर दिया गया है।
सरोधन सिंह, अपर कलेक्टर अनूपपुर
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अभी मैने अपर कलेक्टर साहब से बात की है मैं उनके पास जा रहा हूं, अगर निर्माण कार्य की अनुमति होगी तो कार्य जारी रखा जाएगा।
ऋषि सिंघाई, एसडीएम कोतमा