स्कूल प्रबंधन व अधीक्षक की लापरवाही का जवाब नहीं @ कलेक्टर की मेहनत पर फेर दिया पानी

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जयसिहनगर-शासकीय आवासी आदर्श माध्यमिक विद्यालय जनकपुर रोड जयसिंहनगर में शासन द्वारा जहां छात्र छात्राओं के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करवाई गयी है की दूर दराज से आने वाले छात्र छात्राओं को पढ़ाने में किसी तरह की चूक ना हो सके किंतु वहां पर स्कूल प्रबंधन और अधीक्षक द्वारा अनियमितता बरतने में जरा भी कोताही नहीं बरती जाती यही नहीं बल्कि शासन द्वारा उन छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न- विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराती है कि उनके रुकने,रहने, खाने इत्यादि की समस्याएं छात्रों के विकास में रुकावट ना बन सके किंतु वही अधीक्षक द्वारा उन पर किस तरह से ध्यान दिया जाता है।

यह स्पष्ट होते देर नहीं लगी जब 6 जनवरी 2023 को शासकीय आवासीय आदर्श माध्यमिक विद्यालय के छात्रावास में रह रहे छात्र प्रदीप सिंह कवर पिता राजेंद्र सिंह कंवर ग्राम भुरका जो कक्षा दसवीं में अध्ययनरत है की तबीयत अचानक खराब हो गई किंतु उसके उपरांत भी स्कूल प्रबंधन व अधीक्षक द्वारा उसे अनदेखा किया गया उसी दिन जब पिता द्वारा अपने पुत्र का हाल-चाल पूछने के लिए फोन लगाया गया तो दीप सिंह कवर की आवाज सही नहीं आ रही थी जिसके बाद पिता को शंका हुआ और वह छात्रावास आ पहुंचे वहां पर उन्होंने देखा कि उनका बालक पूरी तरह से अस्वस्थ था जिसके बाद उन्होंने अपने बालक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जयसिंहनगर में लाकर भर्ती करवाया
नाक के नीचे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन एवं अधीक्षक की लापरवाही-कहने के लिए तो छात्रावास व स्कूल प्रबंधन द्वारा बहुत ही ढकोसला बाजी की जाती है।

 

किंतु जब छात्राओं पर परेशानियां होती है उस समय वह अपनी मस्ती में ही चूर होते हैं तभी तो स्कूल प्रबंधन एवं छात्रावास अधीक्षक द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छात्रा को नहीं ले जाया गया ऐसा नहीं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहुत दूर था महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होने के बाद भी छात्र को उपचार हेतु लाना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा अगर छात्र को कुछ हो जाता तो उसका जवाब देय कौन होता शासन द्वारा इन्हें वेतन का भुगतान इसलिए किया जाता है क्योंकि इनके द्वारा वहां रह रहे छात्र-छात्राओं की देखभाल अच्छे तरीके से करें एवं ऐसी स्थितियों में उनके परिजनों को बताएं एवं उन्हें उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं पर शासन कितनी भी योजनाओं का ढोल क्यों न पीट ले पर इन जैसे स्कूल प्रबंधक व अधीक्षक उस पर पानी फेरने में जरा भी संकोच नहीं करते और हो भी क्यों ना शासन उन्हें वेतन देकर रखी ही है वह चाहे देखभाल करें या ना करें।

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