संगठित अपराध करने वालो की अब खैर नहीं , नए आपराधिक कानूनों की थाना प्रभारियों और अन्य अधिकारियों ने जानी बारीकियां

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संगठित अपराध करने वालो की अब खैर नहीं , नए आपराधिक कानूनों की थाना प्रभारियों और अन्य अधिकारियों ने जानी बारीकियां


कटनी।। पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के दिशा निर्देश अनुसार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया के मार्गदर्शन में एसडीओपी स्लीमनाबाद अखिलेश गौर के द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में नवीन आपराधिक कानूनो पर तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई। कार्यशाला के प्रथम दिवस में कटनी जिले के सभी थाना प्रभारी सहित 36 पुलिस अधिकारियों द्वारा तीन महत्वपूर्ण अधिनियमों भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (जो भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 को प्रतिस्थापित करेगी ), भारतीय न्याय संहिता 2023 (जो भारतीय दंड संहिता 1860 को प्रतिस्थापित करेगी ) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को प्रतिस्थापित करेगी ) जो दिनांक 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे का प्रशिक्षण प्राप्त कर नए अधिनियमों के महत्वपूर्ण प्रावधानों को समझा और अंगीकृत किया।
गौरतलब है कि पुराने कानूनो के बहुत से प्रावधान वर्तमान समय में अनुपयोगी और जटिल हो थे इसलिए नवीन कानूनों को अधिक प्रासंगिक और सरलीकृत किया गया है एवं कानून को न्याय की दृष्टि से नागरिक उन्मुख बनाने तथा पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है। नए कानून के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं
1. संगठित अपराधों एवं संगठित अपराध करने वाले अपराधियों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान है एवं इनका संरक्षण देने वाले व्यक्तियों , सहयोग करने वाले व्यक्तियों पर भी आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान एवं 1 से 10 लाख रुपए तक जुर्माने तक का प्रावधान किया गया है।
2. महिला एवं बच्चों के प्रति किए जा रहे हैं अपराधों पर लगाम लगाने हेतु और सख्त प्रावधान किए गए हैं तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु समयबद्ध ट्रायल सुनिश्चित किया गया है।
3. ऑडियो वीडियो इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड डिजिटल रिकॉर्ड इत्यादि को प्राथमिक साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया गया है जिससे न्याय प्रक्रिया में निष्पक्षता आ सके।
4. फरार आरोपियों और आर्थिक अपराध करने वाले आरोपियों पर लगाम लगाने हेतु उनके संपत्ति कुर्क करने के विशेष प्रावधान किए गए हैं।
5. धोखाधड़ी एवं छल कपट की धारा अब 420 नहीं बल्कि नई धारा 318 कहलाएगी इसी प्रकार हत्या की धारा 302 नहीं बल्कि 103 कहलाएगी ,आपराधिक षड्यंत्र 120(b) के स्थान पर अब 61(2) होगी। अन्य धाराओं में बदलाव किया गया है।
6. मॉब लिंचिंग को अपराध की श्रेणी में रखा गया है और फोन , पर्स, चैन इत्यादि स्नैचिंग या झपटमारी करने वाले भी अब कानून के दायरे में आ गए हैं।
7. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 172 के अनुसार अब व्यक्ति पुलिस के युक्ति युक्त आदेशों को मानने के लिए बाध्य है उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी हो सकती है।
8. जीरो एफआईआर और ऑनलाइन FIR के प्रावधान भी नए कानून में किए गए है । इसी प्रकार और भी महत्वपूर्ण प्रावधान नए अधिनियमों में किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक कटनी ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को बताया कि पुलिस मुख्यालय के दिशा निर्देश अनुसार सभी जिलों में पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से नवीन आपराधिक कानून का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि नए कानून की मंशा अनुरूप पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संवेदनशील बनाकर त्वरित एवं निष्पक्ष न्याय पीड़ित को दिलाया जा सके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कानून को गंभीरता पूर्वक आत्मसात करें और अपनी व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाएं एवं अपने अधीनस्थों को भी नवीन कानून के प्रति शिक्षा प्रदान करें और संवेदनशील बनाएं।

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