ट्रैक्टर मेंं ढुल रहा अस्पताल का विषाक्त जैविक कचरा
ठेके के बावजूद निपटारे की समुचित व्यवस्था नहीं, सिविल सर्जन उदासीन
इंट्रो- अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का हाल यह है कि वह बायोमेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निपटारे को लेकर भी गंभीर नहीं है। अस्पताल का यह विषाक्त कचरा असुरक्षित ढंग से खुले आसमान के नीचे फेंका जा रहा है।
शहडोल। बायो मेडिकल वेस्ट के समुचित निष्पादन के लिए जिला अस्पताल द्वारा लाखों रुपए का ठेका दिए जाने के बाद भी इस तरह के कचरे का सुरक्षित ढंग से उठाव नहीं किया जाता है। जिससे संक्रमण का सदैव भय बना रहता है। अस्पताल प्रबंधन इस मामले में घोर लापरवाही बरत रहा है। सारी गंदगी एक कमरे मेंं भर दी जाती है जहां से नगरपालिका के ट्रेक्टर उसे उठाकर ले जाता है और उसे खुली जगह में फेेंक देेता है। जबकि अस्पताल का बायोमेडिकल वेस्ट एक पृथक वाहन में नगर से दूर ले जाया जाकर निर्धारित प्रक्रिया के साथ जमींदोज किया जाना चाहिए। बताया जाता है कि सिविल सर्जन के कहने पर नगरपालिका ने कुछ दिन मदद करने के लिए ट्रेक्टर लगा दिए थे तब से आज तक वही व्यवस्था चल रही है।
क्यों है विषाक्त बायोमेडिकल वेस्ट?
अस्पताल के बायोमेडिकल वेस्ट में आपरेशन से निकले खून व मवादआलूदा मांस के टुकड़े, खून सने कपड़े, इंजेक्शन, दवाओं के टुकड़े, शरीर के कटे फटे अंग, गंदी रुई और कई तरह के केमिकल सने कपड़े आदि रहते हैं। इन्हे पृथक स्थल पर बंद डिब्बे में स्टोर करना चाहिए। ताकि कीट पतंगे व मक्खियां इनमें बैठकर इधर उधर संक्रमण नहीं फैला सकें। इसके बाद उसे सुरक्षित वाहन मेंं लोड कर एक निर्जन स्थल पर लेजाकर जमीदोज किया जाना चाहिए। लेकिन यहां होता यह है कि अस्पताल के सामान्य कचरे को भी इसी के साथ मिला दिया जाता है और सारा कचरा नगरपालिका का ट्रेक्टर उठा ले जाता है जो कि अत्यंत खतरनाक और हानिप्रद है।
ट्रैक्टर की सेवा क्यों ले रहे
जब यहां बायोमेडिकल वेस्ट का ठेका चल रहा है तो फिर यहां नपा का टे्रक्टर अपनी सेवाएं क्यों दे रहा है? बताते है कि अस्पताल प्रबंधन ने इस बार बायोमेडिकल का ठेका नहीं देकर रकम बचाने का प्रयास किया है और नगरपालिका अधिकारियों को संतुष्ट कर नगरपाालिका सफाई कर्मियों का लाभ उठा रहा है। जिला अस्पताल की भर्रेशाही में कुछ भी हो सकता है। यहां जब महीनों से जरूरी दवाएं नहीं मगाई जा रही हैं तो फिर अन्य व्यवस्था बनाने में किसी भी तरह का समझौता हो सकता है।
कमरे से उठ रही सड़ांध
बायोमेडिकल वेस्ट के लिए एक कमरे का निर्माण कराया गया था, जहां लगातार कचरा डाले जाने और कमरे की नियमित सफाई नहीं करने से कमरे से सड़ांंध उठती रहती है। इसके लिए भी सफाई कराई जानी चाहिए। जिला चिकित्सालय से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का अस्पताल प्रबंधन द्वारा उचित प्रबंधन व निष्पादन नहीं किया जाता है। जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर के पास एक कमरा बनाया गया है। जहां कचरा इक्ट्ठा किया जाता है, लेकिन जिला चिकित्सालय के जिम्मेदारों द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट के साथ जूठन सहित अन्य गंदगी भी इसी वेस्ट में डाल दी जाती है, जिसके चलते ऐसी गंदगी का उठाव मेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी नहीं करती है।
यह है अस्पताल की व्यवस्था
इस बार कायाकल्प की टीम ने अस्पताल में व्यवस्थाओं के अंदर 42 खामियां गिनाईं हैं जिसमें गंभीर बातें सामने आईं हैं। पिछली बार भी जिला अस्पताल रखरखाव और सफाई के मामले में पुरस्कारों की लिस्ट में तेा शामिल हुआ था लेकिन उसे कोई पहला व दूसरा पुरस्कार नहीं मिला था। उसे केवल प्रशस्ति पत्र मिला था वह भी लिस्ट में सबसे अंत में 34 वेे नंबर पर था, उससे ऊपर उमरिया का नाम शामिल था। मतलब कि शहडोल का नाम उमरिया के भी बाद था। यह दुर्दशा उस अस्पताल की है जहंा बजट और संसाधनों की भरमार है।